Edited By Shubham Anand,Updated: 17 Dec, 2025 02:03 PM

भारत और बांग्लादेश के संबंधों में उस समय तनाव बढ़ गया जब बांग्लादेश के एक नेता ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अलग-थलग करने का बयान दिया। भारत ने इसे गंभीरता से लेते हुए बांग्लादेशी उच्चायुक्त को तलब किया, भारतीय मिशन की सुरक्षा पर चिंता जताई और...
नेशनल डेस्क : भारत और बांग्लादेश के बीच इन दिनों कूटनीतिक तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। बांग्लादेश के कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा भारत के खिलाफ लगातार दिए जा रहे बयानों को लेकर नई दिल्ली ने सख्त रुख अपनाया है। हाल के दिनों में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, जिन्हें ‘7-सिस्टर्स’ कहा जाता है, को अलग-थलग करने जैसी टिप्पणियों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इसी क्रम में भारत सरकार ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब कर औपचारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराया है।
भारत ने बांग्लादेश में स्थित भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई है। इसके साथ ही ढाका में बांग्लादेशी नागरिकों के लिए वीजा से जुड़े सभी कार्यों को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की गई है। भारत ने बांग्लादेश में आगामी चुनावों को लेकर उस पर लगाए गए आरोपों को भी सिरे से खारिज किया है और हालिया भारत-विरोधी बयानबाजी पर स्पष्ट आपत्ति दर्ज कराई है।
किस बयान के बाद विदेश मंत्रालय हुआ सक्रिय
भारतीय विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया बांग्लादेश की नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता हसनत अब्दुल्ला के उस बयान के बाद सामने आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि नई दिल्ली बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश करती है, तो ढाका को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अलग-थलग करने और वहां सक्रिय अलगाववादी तत्वों को समर्थन देना चाहिए। यह पहला मौका नहीं है जब हसनत अब्दुल्ला ने भारत के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी की हो, इससे पहले भी वह कई बार भारत विरोधी टिप्पणियां कर चुके हैं।
हसनत अब्दुल्ला के इस बयान के बाद विदेश मंत्रालय ने ढाका में भारतीय मिशन की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई और बांग्लादेश के भारत स्थित उच्चायुक्त को तलब किया। इसके अलावा, ढाका में भारतीय मिशन के बाहर हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम. रियाज हामिदुल्लाह से विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुलाकात की।
बैठक के बाद विदेश मंत्रालय का बयान
इस मुलाकात को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया। बयान में कहा गया कि भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज़ हामिदुल्लाह को आज विदेश मंत्रालय ने बुलाया और बांग्लादेश में लगातार बिगड़ते सुरक्षा हालात को लेकर भारत की गहरी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया गया। बातचीत के दौरान बांग्लादेश में भारत के खिलाफ जारी बयानबाजी और चरमपंथी तत्वों की गतिविधियों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत बांग्लादेश में हाल की कुछ घटनाओं को लेकर चरमपंथी तत्वों द्वारा गढ़े जा रहे झूठे और भ्रामक नैरेटिव को पूरी तरह से खारिज करता है। मंत्रालय ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अब तक न तो इन घटनाओं की पूरी जांच की है और न ही इस संबंध में भारत के साथ कोई ठोस या सार्थक सबूत साझा किए हैं।
भारत ने दो टूक शब्दों में यह संकेत दिया है कि वह अपने हितों, नागरिकों और राजनयिक मिशनों की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा और भारत-विरोधी गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए रखेगा।