10 साल में महंगाई सबसे निचले स्तर पर, GST कटौती का दिख रहा असर

Edited By Updated: 12 Nov, 2025 04:56 PM

india inflation drops to lowest in 10 years retail inflation at 0 25 percent

भारत में अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई घटकर 0.25% रह गई है, जो पिछले 10 सालों में सबसे कम स्तर है। सितंबर में यह दर 0.54% थी। खाद्य वस्तुओं के दाम में गिरावट और जीएसटी दरों में कटौती से कीमतों में राहत मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई घटने...

नेशनल डेस्क: देश में आम जनता को महंगाई से बड़ी राहत मिली है। अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) घटकर सिर्फ 0.25% रह गई है, जो पिछले 10 वर्षों का सबसे निचला स्तर है। सितंबर में यह दर 0.54% थी। लगातार चार महीनों से महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% लक्ष्य से नीचे बनी हुई है। यह लगातार सातवां महीना है जब मुद्रास्फीति 6% की ऊपरी सीमा से भी कम रही है।

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट से मिली राहत
महंगाई में आई गिरावट की सबसे बड़ी वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार कमी है। विशेष रूप से सब्ज़ियों के दाम में पिछले छह महीनों से दो अंकों की गिरावट दर्ज की जा रही है। चूंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी लगभग 50% है, इसलिए खाने-पीने की चीज़ों के सस्ते होने का सीधा असर कुल महंगाई दर पर पड़ा है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि GST दरों में की गई हालिया कटौती ने भी महंगाई घटाने में भूमिका निभाई है। सितंबर के अंत में कई आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स दरों में कमी की गई थी, जिसका असर अब अक्टूबर के आंकड़ों में साफ दिख रहा है।

तेज अर्थव्यवस्था, धीमी महंगाई
दिलचस्प बात यह है कि महंगाई घटने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। अप्रैल-जून तिमाही में देश की GDP 8% की दर से बढ़ी है। यानी उत्पादन और खपत बढ़ने के बावजूद कीमतों में तेजी नहीं आई है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि RBI आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है ताकि आर्थिक विकास को और गति दी जा सके।

RBI का अनुमान और आगे की रणनीति
भारतीय रिजर्व बैंक ने हालिया बैठक में कहा कि मौजूदा आर्थिक हालात नीतिगत ढील (Rate Cut) के लिए अनुकूल हैं, हालांकि अभी ब्याज दरों को स्थिर रखा गया है। RBI का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में महंगाई घटकर 2.6% रह सकती है, जो पहले के 3.1% अनुमान से कम है। तिमाहीवार अनुमान के अनुसार, दूसरी और तीसरी तिमाही में 1.8%, चौथी में 4%, और अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.5% तक रह सकती है।

भविष्य को लेकर RBI की चेतावनी
केंद्रीय बैंक ने आगाह किया है कि भू-राजनीतिक तनाव, व्यापारिक अवरोध और आयात शुल्क में बदलाव जैसे कारक भविष्य में महंगाई के रुख को प्रभावित कर सकते हैं। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि खाद्य कीमतों में आई तेज गिरावट और GST दरों के युक्तिकरण ने समग्र महंगाई परिदृश्य को और अधिक अनुकूल बना दिया है।

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