Edited By Tanuja,Updated: 12 Aug, 2025 04:05 PM

कनाडा के ओटावा में भारतीय मूल के एक दंपति के साथ नस्लीय हिंसा का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह घटना 29 जुलाई को पीटरबरो के लैंसडाउन प्लेस मॉल की पार्किंग में...
International Desk: कनाडा के ओटावा में भारतीय मूल के एक दंपति के साथ नस्लीय हिंसा का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह घटना 29 जुलाई को पीटरबरो के लैंसडाउन प्लेस मॉल की पार्किंग में हुई, जहां एक पिकअप ट्रक में सवार तीन किशोरों ने दंपति की कार का रास्ता रोककर उन्हें नस्लीय गालियां दीं, अश्लील टिप्पणियां कीं और यहां तक कि जान से मारने की धमकी तक दे डाली। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देख लोग गुस्से में हैं। पुलिस के मुताबिक, तीनों युवक दंपति के वाहन के सामने आकर रुक गए और फिर उनमें से एक ने भारतीय मूल के पुरुष से आक्रामक लहजे में कहा "क्या तुम चाहते हो कि मैं कार से उतरकर तुम्हें मार डालूं?" ।
एक अन्य वीडियो क्लिप में, एक युवक महिला पीड़िता का मजाक उड़ाते हुए उसकी शारीरिक बनावट पर तंज कसता है और कहता है "अरे बड़ी नाक वाले, तुम्हें पता है कि तुम्हारी गाड़ी के सामने आकर तुम्हें मारना गैरकानूनी नहीं है। क्या मैंने तुम्हें छुआ? हां या ना? जवाब दो, तुम… इमिग्रेंट।" इस दौरान युवक लगातार अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते रहे। पीटरबरो पुलिस ने घटना के तुरंत बाद जांच शुरू की और इस मामले में एक 18 वर्षीय युवक को गिरफ्तार कर लिया। उस पर जान से मारने या गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी को एक अंडरटेकिंग पर रिहा कर दिया गया है और अब उसे 16 सितंबर को अदालत में पेश होना होगा।
पुलिस ने पुष्टि की है कि यह हमला ‘नफरत से प्रेरित अपराध’ की श्रेणी में आता है। अदालत में सुनवाई के दौरान इस पहलू पर भी विशेष रूप से विचार किया जाएगा।पीटरबरो पुलिस प्रमुख स्टुअर्ट बेट्स ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा-"इस वीडियो को देखने वाला कोई भी व्यक्ति समझ जाएगा कि इस तरह का व्यवहार हमारे समुदाय में या किसी भी समुदाय में बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।"उन्होंने गवाहों और वीडियो साझा करने वालों का आभार व्यक्त किया और कहा-"हम निवासियों से अपील करते हैं कि नफरत से प्रेरित अपराधों की रिपोर्ट करते रहें, ताकि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।"घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है। कई लोगों ने इसे कनाडा में बढ़ते नस्लवाद का उदाहरण बताया है और सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है।