Edited By Tanuja,Updated: 20 Dec, 2025 12:38 PM

अमेरिका और जॉर्डन ने ‘ऑपरेशन हॉकआई’ के तहत सीरिया में ISIS के 70 से अधिक ठिकानों पर भीषण हवाई हमले किए। यह कार्रवाई पालमायरा में अमेरिकी सैनिकों की हत्या के जवाब में की गई। अमेरिका ने साफ कहा है कि अपने नागरिकों पर हमले का करारा जवाब दिया जाएगा।
Washington: अमेरिका और जॉर्डन की सेनाओं ने मिलकर सीरिया में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान चलाया है। ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ के तहत दोनों देशों ने 70 से अधिक ISIS ठिकानों पर हवाई हमले किए और 100 से ज्यादा प्रिसिजन-गाइडेड हथियारों का इस्तेमाल किया। यह जानकारी यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने दी। CENTCOM ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर बताया कि यह कार्रवाई रातभर चली और इसे “पीस थ्रू स्ट्रेंथ” यानी ताकत के जरिए शांति का संदेश बताया गया। हमलों का वीडियो फुटेज भी जारी किया गया है।
यह ऑपरेशन ऐसे समय में किया गया है, जब कुछ दिन पहले सीरिया के पालमायरा शहर में ISIS के संदिग्ध आतंकियों ने अमेरिकी और सीरियाई बलों के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह हवाई हमले अमेरिकी सैनिकों की हत्या का सीधा बदला हैं। वहीं, अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि ऑपरेशन हॉकआई का उद्देश्य ISIS के लड़ाकों, उनके ढांचे और हथियार ठिकानों को पूरी तरह खत्म करना है।
हेगसेथ ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी, “यह किसी युद्ध की शुरुआत नहीं, बल्कि बदले का ऐलान है। जो भी दुनिया में कहीं भी अमेरिकियों को निशाना बनाएगा, उसे अमेरिका ढूंढकर खत्म करेगा।” राष्ट्रपति ट्रंप ने भी ट्रुथ सोशल पर कहा कि ISIS को पहले से कहीं ज्यादा कठोर जवाब दिया जाएगा और सीरिया में उसके गढ़ों को तबाह किया जाएगा। 13 दिसंबर को हुए हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों की पहचान सार्जेंट एडगर ब्रायन टोरेस टोवर (25), सार्जेंट विलियम नाथनियल हॉवर्ड (29) के रूप में हुई है। दोनों आयोवा नेशनल गार्ड से जुड़े थे। इस हमले में तीन अन्य सैनिक घायल भी हुए, जिन्हें इलाज के लिए सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है।अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद सीरिया और पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।