Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Dec, 2025 11:53 AM

जर्मनी में एक पति सालों तक अपनी पत्नी को नशे की दवा देकर बेहोश करता और उसके वीडियो बनाकर ऑनलाइन साझा करता रहा। कोर्ट की जांच ने खुलासा किया कि यह सिलसिला 15 साल तक चला, और हजारों वीडियो के माध्यम से अपराध को रिकॉर्ड कर इंटरनेट पर फैलाया गया। आरोपी,...
नेशनल डेस्क: जर्मनी में एक पति सालों तक अपनी पत्नी को नशे की दवा देकर बेहोश करता और उसके वीडियो बनाकर ऑनलाइन साझा करता रहा। कोर्ट की जांच ने खुलासा किया कि यह सिलसिला 15 साल तक चला, और हजारों वीडियो के माध्यम से अपराध को रिकॉर्ड कर इंटरनेट पर फैलाया गया। आरोपी, 61 वर्षीय फर्नांडो पी., पेशे से स्कूल में चौकीदार था और बाहर से एक सामान्य पारिवारिक जीवन जीता हुआ लगता था। लेकिन कोर्ट के सामने खुलासा हुआ कि वह घर को ही अपने डर और अपराध का अड्डा बना चुका था।
कोर्ट की जानकारी के अनुसार, आरोपी अपनी पत्नी को नशे की दवा देकर बेहोश करता और फिर उसका यौन शोषण करता। इसके बाद यह सब कैमरे में रिकॉर्ड करता और वीडियो को इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स और ग्रुप चैट्स में साझा करता। यह सिलसिला पूरी पत्नी की अनजान और असहमति में चलता रहा।
अपराध की अवधि
जांच में सामने आया कि आरोपी ने 2018 से 2024 के बीच कई घटनाओं को अंजाम दिया, हालांकि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार यह अपराध लगभग 15 साल तक फैले हुए थे। कोर्ट ने कुल 34 मामलों में निजी जीवन और व्यक्तिगत अधिकारों के गंभीर उल्लंघनों को प्रमाणित किया।
कोर्ट का फैसला
आचेन की कोर्ट ने फर्नांडो पी. को गंभीर बलात्कार, खतरनाक शारीरिक नुकसान, यौन उत्पीड़न और जबरदस्ती के मामलों में दोषी पाया। उसे कुल 8 साल 6 महीने की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, कुछ आरोपों में आरोपी को बरी भी किया गया, जिनका विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया।
फ्रांस के ‘पेलिकोट केस’ से तुलना
यह मामला फ्रांस के डोमिनिक पेलिकोट केस से तुलना में चर्चा में आया। पेलिकोट ने करीब 10 साल तक अजनबियों को बुलाकर अपनी पत्नी के साथ अपराध करवाए थे। दोनों मामलों ने यूरोप में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और सहमति कानून पर बहस को फिर से सक्रिय कर दिया।
कानून और ऑनलाइन खतरों का सवाल
महिला अधिकार संगठन Nur Ja Heisst Ja ने इस मामले को बेहद महत्वपूर्ण बताया। उनका कहना है कि जर्मनी में अभी भी सहमति को “No means No” के नजरिए से देखा जाता है, जिससे नशे में पीड़ित महिलाओं को न्याय से दूर रखा जाता है। संगठन “Yes means Yes” कानून की मांग कर रहा है।
फ्रांस की सांसद सैंड्रिन जोसो ने कहा कि इंटरनेट ने इस तरह के अपराधों को और खतरनाक बना दिया है। सोशल मीडिया और वेबसाइट्स अब अपराधियों के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म बन गए हैं, जहां वे अपराध के तरीके साझा करते हैं। उन्होंने इसे “ऑनलाइन यूनिवर्सिटी ऑफ वॉयलेंस” तक कहा।
सबसे डरावनी हकीकत
एक्टिविस्ट जिल एस. ने बताया कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि आरोपी खुद को पूरी तरह सुरक्षित समझते रहे। हजारों वीडियो घर में रखे होने के बावजूद उसे लगता था कि उसे कभी पकड़ा नहीं जाएगा।