अमेरिका के नए छात्र वीजा नियमों पर बवाल: 3.8 लाख नौकरियों पर खतरा, यूनिवर्सिटीज़ ने ट्रंप प्रशासन को दी खुली चुनौती

Edited By Updated: 02 Oct, 2025 12:31 PM

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अमेरिका में पढ़ाई का सपना देखने वाले लाखों अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए बुरी खबर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा प्रस्तावित नए एफ-1 और जे-1 छात्र वीजा नियम न केवल छात्रों की राह मुश्किल बना सकते हैं, बल्कि अमेरिका की शिक्षा व्यवस्था और...

 नई दिल्ली:  अमेरिका में पढ़ाई का सपना देखने वाले लाखों अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए बुरी खबर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा प्रस्तावित नए एफ-1 और जे-1 छात्र वीजा नियम न केवल छात्रों की राह मुश्किल बना सकते हैं, बल्कि अमेरिका की शिक्षा व्यवस्था और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डाल सकते हैं। इस बदलाव के विरोध में अमेरिका के शीर्ष विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संगठनों ने खुला मोर्चा खोल दिया है।

क्या है नया प्रस्ताव?
अब तक अमेरिका में पढ़ने आए छात्रों को "Duration of Status (D/S)" के तहत उनकी पढ़ाई पूरी होने तक वहां रहने की अनुमति होती थी। लेकिन नए प्रस्ताव में इसे खत्म कर, एफ-1 (स्टूडेंट) और जे-1 (एक्सचेंज विज़िटर) वीजा की अवधि अधिकतम 4 साल तक सीमित करने की तैयारी की जा रही है।
ग्रेस पीरियड घटाकर 30 दिन किया जाएगा (पहले 60 दिन होता था)

अंग्रेज़ी भाषा के कोर्स अधिकतम 24 महीने तक सीमित
पीएचडी, ड्यूल डिग्री और मेडिकल रेजिडेंसी जैसे लंबे कोर्स करने वालों को नया Extension of Status (EOS) सिस्टम अपनाना होगा, जिसके नियम अभी बने ही नहीं हैं।

कोर्स बदलने या कॉलेज ट्रांसफर पर नई पाबंदियां
नई शर्तें न सिर्फ दाखिले को कठिन बनाएंगी, बल्कि कई छात्र दूसरे देशों (जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके) का रुख कर सकते हैं।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान:
2023-24 में अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में करीब 44 अरब डॉलर का योगदान दिया और 3.8 लाख नौकरियों को सहारा दिया।

घरेलू छात्रों पर असर:
यदि अंतरराष्ट्रीय छात्र कम हुए, तो यूनिवर्सिटीज़ को घाटा पूरा करने के लिए घरेलू छात्रों की ट्यूशन फीस बढ़ानी पड़ सकती है।

विश्वविद्यालयों और संगठनों का विरोध
अमेरिकन काउंसिल ऑन एजुकेशन (ACE) और 53 अन्य प्रमुख शिक्षा संस्थानों ने इन प्रस्तावों को “त्रुटिपूर्ण” और “अनावश्यक” बताया है।

इनका कहना है:
यह समस्या का समाधान खोज रहे हैं जो है ही नहीं
इससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अमेरिका कम आकर्षक गंतव्य बन जाएगा
पढ़ाई पूरी करने से पहले ही कई छात्रों के वीजा पर संकट आ सकता है
President's Alliance on Higher Education & Immigration ने कहा: "ये नियम अकादमिक स्वतंत्रता को बाधित करेंगे, नौकरशाही को बढ़ावा देंगे और छात्रों से लेकर छोटे व्यवसायों तक सभी को नुकसान पहुंचाएंगे।"

महंगा हुआ अमेरिका जाना – नया शुल्क भी लागू
1 अक्टूबर 2025 से अमेरिका में सभी गैर-आप्रवासी वीजा पर $250 का नया इंटीग्रिटी शुल्क लागू हो गया है।
इसमें F-1, J-1, H-1B, बी-1/B-2 जैसे Visa शामिल हैं।

ट्रंप प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है
विशेषज्ञों और शिक्षा संगठनों का मानना है कि यह पूरा बदलाव राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा है, जो अमेरिका को वैश्विक शिक्षा बाजार में पीछे धकेल सकता है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो हजारों भारतीय छात्रों सहित लाखों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।

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