क्या अब वक्त आ गया है प्रियंका बने कांग्रेस पार्टी का नया चेहरा, सोशल मीडिया में फिर शुरू हुई बहस

Edited By Updated: 11 Oct, 2021 06:17 PM

is it time for priyanka to become the new face of congress party

प्रियंका गांधी वाड्रा भारत की राजनीति का वो एक बड़ा चेहरा जिससे इस वक्त कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा ज़रूरी और बड़ी उम्मीदें भी हैं। वो इस  वक़्त पार्टी में किसी पद पर हो या न होकर भी कई राजनीतिक दिग्गजों को चुनौती दे रही है और सब पर भारी हैं फिर चाहे...

नेशनल डेस्कः प्रियंका गांधी वाड्रा भारत की राजनीति का वो एक बड़ा चेहरा जिससे इस वक्त कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा ज़रूरी और बड़ी उम्मीदें भी हैं। वो इस  वक़्त पार्टी में किसी पद पर हो या न होकर भी कई राजनीतिक दिग्गजों को चुनौती दे रही है और सब पर भारी हैं फिर चाहे लखीमपुर खीरी  का हाल का मुद्दा हो या फिर देश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव। लेकिन इस बार फिर लखीमपुर मुद्दे में जिस तरह से बेबाक तरीके से लड़ने वाली प्रियंका की जहां एक तरफ प्रशंसा की गई है वंही दूसरी और सोशल मीडिया Koo पर एक बार फिर चर्चा में है प्रियंका का राजनीति  में आने का सवाल।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में देखने को मिला जहा प्रियंका गांधी को रोका गया और वो वीडियो सोशल मीडिया Koo (कू ऐप) पर  इस तरह वायरल हुआ था कि लोगों ने इस मुद्दे के साथ साथ प्रियंका को कांग्रेस पार्टी की कमान अब संभालने पर भी चर्चा जोर पकड़ने लगी है। जब ये वीडियो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और MPCongress ने  अपने सोशल मीडिया अकाउंट Koo  से शेयर किया था उसी समय से प्रियंका को इंदिरा गांधी का दूसरा रूप है। फिर देखते ही देखते शुरू हुई चर्चा कि  जिस तरह से कांग्रेस पार्टी जिन्ह हालातों से गुज़ार रही है उनको प्रियंका गाँधी की सख्त ज़रुरत है।

हम आपको बता दें कि वायरल वीडियो में पुलिस के साथ जमकर बहस करती प्रियनक गांधी ने देश की आयरन लेडी (Iron Lady) इंदिरा गाँधी की याद दिला दिया था। इस वीडियो को देश भर में एक हिम्मत से भरपूर एक महिला राजनेता के तौर पर देखागया और प्रियंका की काफी तरीक भी की गई थी की जिस तरह से वे कभी न झुकती है और गलत  करने वालों का पुरज़ोर तरीके से विरोध भी करती हैं।

चुनाव के वक़्त नज़र आने वालीं प्रियंका गांधी राजनीति और जनता के बीच इस कदर घुल जाती है कि बड़े-बड़े दिग्गज नेता दंग रह जाते हैं। जिस तरह से देश के मुद्दे बड़े है और कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव का रंग फीका दिख रहा उससे एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस पार्टी  को फिर एक आयरन लेडी  (Iron Lady ) इंदिरा गाँधी जैसी की ज़रुरत है जिस पर वे अपनी पार्टी के पूरी भागदौड़ दे सके जिससे देश  के लोग अच्छी तरह से वाखिफ़ हो। क्या वो चेहरा हैं प्रियंका गाँधी और क्या प्रियंका गाँधी  लेंगी पार्टी के बागदौड़ अपने हाथों में। बहरहाल ये सवाल महज़ सवाल ही हैं पर शायद जल्द ये सच भी हो जाए।

विरोधियों के साथ सुर के साथ सुर मिलाती है प्रियंका गांधी
फिर चाहे उनकी चुनावी रैलियों में भाषण में प्रयोग होने वाली भाषाऔर शैली  देखे या फिर उनके चलने का अंदाज और लुक बिल्कुल उनकी दादी प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी से मेल खता है। इस बात को अक्सर ही उठाया भी जाता है की वे इंदिरा गांधी  का ही रूप है| इस बात को प्रियंका खुद कह चुकी है वे अपनी दादी इंदिरा गाँधी का ही रूप है।

प्रियंका गाँधी काफी गंभीर है
प्रियंका की अपनी दादी से खास लगाव और जुड़ाव रहा है  और गांधी परिवार की एक सशक्ष्त प्रभावशाली महिलाओं में से एक  है प्रियंका गाँधी। वे ना सिर्फ गंभीर क़िस्म  की इंसान है जिन्होंने अपने पिताके निधन के बाद अपने परिवार को सँभालने में एक एहम भूमिका भी निभाई थी।

घर में परिवार और बच्चों की ज़िम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए वे कभी राजनीति के दंगल में कभी उत्तरी नहीं लेकिन अपने भाई राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी को जब भी उनकी ज़रुरत पड़ी वे हमेशा से उनके साथ खड़ी रही। और ऐसा ही कुछ लखीमपुर खेरी मुद्दे में भी देखा गया जब मृतकों और घायल लोगों से वे उत्तर प्रदेश में मिलने गयी थी और उनको मिलने से रोका गया था।

प्रियंका कभी राजनीति के दंगल में उत्तरी नहीं पर फिर भी विरोधियों को देती है चुनौती
अब तक प्रियंका आधिकारिक रूप से राजनीति के दंगल में उत्तरी नहीं है लेकिन फिर भी उनकी लोकप्रियता एक बड़े नेता से काम भी नहीं है। अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता हैं कि जिस तरह से प्रियंका को पूरा पार्टी का सहयोग मिलता आया है क्या प्रियंका गांधी इस बार उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव प्रचार तक सीमित रहेंगी या फिर इस बार राजनीति के इस दंगल में उतर सकती हैं।

3 अक्टूबर बड़ा संयोग:1977 में इंदिरा गांधी तो उसी तारीख को प्रियंका की गिरफ्तारी हुई
सन 1977 में प्रधानमंत्री मोरारजी के नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी की सरकार की थी।  उस समय चौधरी  चरण सिंह गृहमंत्री नियुक्त थे इंदिरा गांधी के खिलाफ सन 1975 में लगी एमरजेंसी की वजह से देश में घृणा और दहशत का माहौल था। उसी समय इंदिरा पर एक भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया थाई की उन्होंने चुनाव प्रचार में खरीदे वाहनों का इस्तेमाल किया था। जिसके चलते देश और विरोधी नेताओं में रोष भी था और उसके बाद उन पर जीप स्कैम कार्प भी लगा था| और वो तारीख थी 3 अक्टूबर  जब CBI ने गिरफ्तार कर लिया गया था और उनकी कोर्ट में पेशी भी थी जिसमें कोई सबूत ठोस नहीं पेश किया जाने पर उन्हें बरी कर दिया गया था। ये एक ऑपरेशन के नाम से जाना जाता है- ऑपरेशन ब्लंडर और उसके बाद इंदिरा गांधी की भी एंट्री काफी ज़ोर शोर से की गई थी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!