Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Nov, 2021 04:43 PM
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को जान की बाजी लगाकर मातृभूमि की रक्षा करने वाले भारत मां के जांबाज सपूतों को रक्षा अलंकरण समारोह में वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया। वीरता पुरस्कार पाने वालों में जम्मू कश्मीर पुलिस के डीआइजी अमित कुमार भी...
नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को जान की बाजी लगाकर मातृभूमि की रक्षा करने वाले भारत मां के जांबाज सपूतों को रक्षा अलंकरण समारोह में वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया। वीरता पुरस्कार पाने वालों में जम्मू कश्मीर पुलिस के डीआइजी अमित कुमार भी शामिल थे।
राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर पुलिस के डीआइजी अमित कुमार समेत चार पुलिस कर्मियों को शौर्य चक्र प्रदान किया है। इंस्पेक्टर अरशद खान, एसपीओ बिलाल अहमद मागरे और कांस्टेबल गुलाम मुस्तफा बराह को मरणोपरांत शौर्य चक्र प्रदान किया गया है। इनके अलावा पुलवामा आतंकी हमले के सूत्रधारों में शामिल जैश कमांडर कामरान को उसके दो साथियों संग मार गिराते हुए शहीद हुए हैड कांस्टेबल अब्दुल रशीद कलास को मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया गया है।
8 महीने जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहे अमित कुमार
पुलवामा आतंकी हमले के लगभग चार दिन बाद 18 फरवरी को पुलिस को पता चला था कि आतंकी कामरान अपने दो अन्य साथियों संग दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में एक जगह विशेष पर छिपा हुआ है। इसका पता चलते ही पुलिस ने सेना के जवानों के साथ मिलकर एक अभियान चलाया था। इस दौरान हुई मुठभेड़ में डीएसपी अमन कुमार, हैड कांस्टेबल अब्दुल रशीद कलास और एक सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। डीआइजी अमित कुमार और एक ब्रिगेडियर घायल हो गए थे।
आतंकी कामरान अपने दो साथियों संग मारा गया। हैड कांस्टेबल अब्दुल रशीद और डीआइजी अमित कुमार ने उस समय बहादुरी का परिचय दिया। डीआइजी अमित कुमार इस मुठभेड़ में घायल होने के बाद लगभग आठ माह तक जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहे लेकिन आखिरकार उन्होंने मौत को मात दे दी। डीआइजी अमित कुमार के सीने पर राष्ट्रपति ने शौर्य चक्र लगाकर उनकी बहादुरी को सलाम किया।