Edited By Tanuja,Updated: 14 Jun, 2023 12:52 PM
वाराणसी में सोमवार को आयोजित G20 विकास मंत्रियों के समूह की बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की और 200 से अधिक...
इंटरनेशनल डेस्कः वाराणसी में सोमवार को आयोजित G20 विकास मंत्रियों के समूह की बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की और 200 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इससे इतर विदेश मंत्री जयशंकर ने फ्रांस, बांग्लादेश और ब्रिटेन के G20 प्रतिनिधियों के साथ बंद कमरे में बैठक भी की। G20 के विकास मंत्रियों की बैठक के दूसरे दिन कई महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ विकास को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा की गई। बैठक के पहले सत्र में बहुपक्षवाद-सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में तेजी से प्रगति के लिए सामूहिक कार्रवाई पर विचार-विमर्श किया गया जबकि दूसरे सत्र में हरित विकास-एक जीवन दृष्टिकोण विषय पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान G20 देशों ने किसी को पीछे नहीं छोड़ते हुए सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन और इसके सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की उपलब्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता की दृढ़ता से पुष्टि की। G20 देशों ने संतुलित और एकीकृत तरीके से अपने तीन आयामों आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण में सतत विकास प्राप्त करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण के निर्माण में G20 के प्रयासों को मजबूत करने पर भी सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज बन गया है और उसने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के संबंध में वित्तीय अंतर और ऋण चुनौतियों के मुद्दों को उठाने की कोशिश की है।
इस बैठक में दुनिया के उन देशों की मदद का प्रस्ताव रखा गया जहां कोरोना महामारी के बाद की स्थिति, जलवायु परिवर्तन से दिक्कतें आईं हैं। ऐसे देशों के जरूरतमंद लोगों की मदद के वैश्विक प्रयासों को बढ़ाने पर सहमति बनी। साथ ही G-20 के विकास मंत्रियों की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी देश अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों और क्षमताओं के साथ मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ पर्यावरण और जलवायु को स्वच्छ बनाने की ठोस योजना बनाकर काम करेंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि भारत सहित विकासशील देश पर्यावरण संरक्षण में ज्यादा प्रभावी भूमिका निभाएंगे और काम करेंगे।
इस अवसर पर बैठक की अध्यक्षता करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति में तेजी लाने के लिए एक महत्वाकांक्षी सात वर्षीय कार्य योजना पेश की है। जयशंकर ने कहा, "कार्य योजना न केवल विकास के एजेंडे के लिए एक मजबूत G20 प्रतिबद्धता को प्रेरित करेगी, बल्कि तीन प्रमुख एजेंडे पर परिवर्तनकारी कार्रवाइयों को भी आगे बढ़ाएगी।" उन्होंने कहा, "हम आज एक समावेशी, स्थायी भविष्य में योगदान करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया को कई तरह के संकटों का सामना करना पड़ रहा है। सम्मेलन में चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि जलवायु परिवर्तन का प्रतिकूल प्रभाव कम विकसित और छोटे द्विपीय विकासशील देशों पर पड़ रहा है। बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में बाधा, कर्ज संकट और ऊर्जा, खाद्य एवं उर्वरक सुरक्षा संबंधी दबाव के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है। विदेश मंत्री ने चुनौतियों से वैश्विक एकजुटता की अपील की।