Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Aug, 2018 08:32 AM
भाजपा के वयोवृद्ध नेता एल.के. अडवानी के इकलौते पुत्र जयंत अडवानी ने पिछले महीने प्रधानमंत्री के साथ लम्बी बैठक की। मामला यह था कि क्या वयोवद्ध भाजपा नेता और गांधी नगर से मौजूदा लोकसभा सांसद एल.के. अडवानी अपने निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के...
नेशनल डेस्कः भाजपा के वयोवृद्ध नेता एल.के. अडवानी के इकलौते पुत्र जयंत अडवानी ने पिछले महीने प्रधानमंत्री के साथ लम्बी बैठक की। मामला यह था कि क्या वयोवद्ध भाजपा नेता और गांधी नगर से मौजूदा लोकसभा सांसद एल.के. अडवानी अपने निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं या नहीं। यद्यपि 90 वर्षीय अडवानी ने अभी तक राजनीति से अपनी सेवानिवृत्ति का संकेत नहीं दिया है। जयंत इस सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, मगर वह अपने पिता के साथ इस मामले पर चर्चा करने में अक्षम हैं। अंतत: अमित शाह ने यह जानने के लिए अडवानी से मुलाकात की कि क्या वह अपनी परम्परागत गांधी नगर लोकसभा सीट से 2019 में चुनाव लड़ना पसंद करेंगे या अपने पसंद के किसी व्यक्ति के लिए सीट छोड़ना चाहेंगे।
भाजपा नेतृत्व इन सभी विवादित सीटों की संभावनाओं का पता लगाने का इच्छुक है ताकि यह फैसला किया जा सके कि क्या 75 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नेताओं को फिर से इन सीटों पर चुनाव लड़ाया जाए या उनके बच्चों और रिश्तेदारों को वहां से टिकट दिया जाए। अमित शाह ने इस विषय को खुला छोड़ा कि क्या वयोवृद्ध नेता इन सीटों से चुनाव लड़ना चाहेंगे? अडवानी ने शाह की बात सुनी, मगर उन्होंने इस संबंधी कुछ नहीं कहा।
अमित शाह ने कहा कि पार्टी की गुजरात इकाई लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची शार्ट लिस्ट करना चाहती है। स्पष्ट है कि अडवानी इस संबंधी अपने विचार नहीं देना चाहते और यह फैसला पार्टी पर छोड़ देंगे।