केरल में दिमागी संक्रमण से दो और की मौत, तीन महीने का शिशु भी शामिल- राज्य में अलर्ट जारी

Edited By Updated: 01 Sep, 2025 01:56 PM

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केरल में एक दुर्लभ लेकिन बेहद घातक दिमागी संक्रमण अमीबिक मेनिन्जोएंसेफलाइटिस (Amoebic Meningoencephalitis) ने फिर से जानलेवा रूप ले लिया है। सोमवार को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस संक्रमण से दो लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक तीन महीने का शिशु...

नेशनल डेस्क:  केरल में एक दुर्लभ दिमागी संक्रमण अमीबिक मेनिन्जोएंसेफलाइटिस (Amoebic Meningoencephalitis) ने फिर से जानलेवा रूप ले लिया है। सोमवार को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस संक्रमण से दो लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक तीन महीने का शिशु भी शामिल है। अगस्त महीने में इस संक्रमण से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है।

 मासूम की नहीं बच सकी जान
जानकारी के मुताबिक, कोझिकोड जिले के ओमस्सेरी निवासी अबूबकर सिद्दीकी के तीन महीने के बेटे को करीब एक महीने से इस संक्रमण के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। रविवार को अचानक उसकी हालत गंभीर हो गई और आईसीयू में उसकी मौत हो गई।

वहीं दूसरी मृतक, 52 वर्षीय रमला, मलप्पुरम जिले के कप्पिल की रहने वाली थीं। उन्हें 8 जुलाई को लक्षण दिखने के बाद पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर उन्हें कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इससे पहले 14 अगस्त को, थमारसेरी की एक 9 साल की बच्ची की भी इसी संक्रमण से मौत हो चुकी है।

क्या है अमीबिक मेनिन्जोएंसेफलाइटिस?
यह एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा दिमागी संक्रमण है, जो आमतौर पर गंदे या संक्रमित पानी में नहाने या तैरने से होता है। यह संक्रमण नाक के ज़रिए शरीर में प्रवेश कर सीधे दिमाग को संक्रमित करता है। इस बीमारी का कारण होता है एक माइक्रोस्कोपिक अमीबा (Naegleria fowleri), जो दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इलाज में थोड़ी भी देरी मरीज की जान ले सकती है।

केरल में संक्रमण का फैलाव
इस साल राज्य में अब तक 42 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोझिकोड, वायनाड और मलप्पुरम जिलों से आए 8 मरीजों का इलाज चल रहा है।

सरकार ने उठाए सख्त कदम
-स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल एक्शन लिया है:
-कुएं और जलाशयों की क्लोरीनेशन (chlorination) की जा रही है।
-जनजागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग सावधानी बरतें।
-स्वच्छ पानी के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है।
-विशेषकर ग्रामीण इलाकों में लोगों को गंदे पानी में नहाने या खेलने से बचने की सलाह दी जा रही है।

किन बातों का रखें खास ध्यान?
-स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों के लिए ये सुझाव दिए हैं:
-गंदे या बिना क्लोरीन वाले पानी में तैरने या नहाने से बचें।
-पीने और नहाने के लिए साफ और उबला हुआ पानी ही इस्तेमाल करें।
-अगर पानी में खेलने के कुछ दिन बाद तेज सिरदर्द, बुखार, उल्टी, या गर्दन में अकड़न हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

 अमीबिक मेनिन्जोएंसेफलाइटिस बेहद कम मामलों में होता है, लेकिन इसकी मृत्यु दर बहुत अधिक है। बारिश और मानसून के मौसम में जल स्रोतों के दूषित होने की आशंका ज्यादा रहती है, जिससे ये संक्रमण और तेजी से फैल सकता है।

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