दोषी को फांसी पर लटकाने से पहले जानिए उसके के कान में क्या कहता है जल्लाद

Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Jan, 2020 01:25 PM

know what the executioner says in his ear before hanging the convict

किसी जघन्य अपराध के लिए दोषी को सजा-ए-मौत सुनाई जाती है और जब फांसी देने का समय आता है तो कुछ नियमों का बड़ी सावधानी से पालन करना पड़ता है। अगर नियमों का ध्यान न रखा जाए तो फांसी की प्रक्रिया अधूरी मानी जाती है। फांसी का फंदा, फांसी देने का समय आदि...

नेशनल डेस्क: सात साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 7 जनवरी को निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया गया। निर्भया के चारों गुनहगारों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया गया है। तिहाड़ जेल प्रमुख को भेजा गया डेथ वारंट (जिसे ब्लैक वारंट भी कहा जाता है) अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने जारी किया और चारों दोषियों-मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) तथा अक्षय कुमार सिंह (31) को मौत की सजा देने की तारीख मुकर्रर कर दी।

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नियमों का करना होता है पालन
किसी जघन्य अपराध के लिए दोषी को सजा-ए-मौत सुनाई जाती है और जब फांसी देने का समय आता है तो कुछ नियमों का बड़ी सावधानी से पालन करना पड़ता है। अगर नियमों का ध्यान न रखा जाए तो फांसी की प्रक्रिया अधूरी मानी जाती है। फांसी का फंदा, फांसी देने का समय आदि का विशेष ध्यान रखा जाता है। फांसी में सबसे बड़ी भूमिका होती है जल्लाद की। जिस अपराधी को फांसी दी जाती है, उसके आखिरी वक्त में उसके साथ जल्लाद ही खड़ा होता है। वहीं, फांसी देने से पहले जल्लाद दोषी के कानों में कुछ बोलता है और उसके बाद चबूतरे से जुड़ा लीवर खींच देता है।

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दोषी को यह कहता है जल्लाद
जल्लाद फांसी देने से पहले अपराधी के कानों में बोलता कि हिंदुओं को राम-राम और मुस्लिमों को सलाम, मैं अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं। मैं आगे आपके सत्य के राह पर चलने की कामना करता हूं।

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जानिए फांसी के वक्त की एक-एक बात

  • कोर्ट में अपराधी को फांसी की सजा सुनाने के बाद जज पेन की निब तोड़ देते हैं। निब तोड़ना इस बात का प्रतीक है कि अब उस व्यक्ति का जीवन समाप्त हो गया है।
  • फांसी देते वक्त जेल अधीक्षक, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, जल्लाद और डॉक्टर मौजूद रहते हैं। इनके बिना फांसी नहीं दी जाती।
  • फांसी देने से पहले कैदी को नहलाया जाता है और नए कपड़े पहनाए जाते हैं।
  • फांसी देने से पहले व्यक्ति की आखिरी इच्छा भी पूछी जाती है, जिसमें परिजनों से मिलना, अच्छा खाना या अन्य इच्छाएं शामिल होती हैं, जो भी वो अपनी इस जिंदगी के खत्म होने से पहले करना चाहता है।
  • मनीला रस्सी से फांसी का फंदा बनता है। बिहार के बक्सर जेल में एक मशीन है, जिसकी मदद से फांसी का फंदा बनाया जाता है।
  • फांसी सूर्य उदय होने से पहले ही दी जाती है। ऐसा इसलिए ताकि सुबह जेल के अन्य कैदियों का काम न रुके। वैसे, अंग्रेजों के जमाने से ही ऐसी व्यवस्था चली आ रही है। साथ ही, इस समय इसलिए भी फांसी दी जाती है, ताकि सुबह कैदी के परिवार वाले उसका अंतिम संस्कार समयानुसार कर सकें।
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