Edited By Mehak,Updated: 06 Dec, 2025 11:21 AM

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में राजकीय भोज आयोजित किया। इसमें अचारी बैंगन, लच्छा पराठा, मशरूम गुच्ची, केसर पुलाव और पनीर के रोल जैसे विविध भारतीय व्यंजन परोसे गए। शास्त्रीय संगीत,...
नेशनल डेस्क : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सम्मान में आयोजित राजकीय भोज में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक और खास व्यंजन परोसे गए। इस भोज में मुख्य व्यंजन के रूप में मशरूम और कश्मीरी अखरोट की चटनी से बनी गुच्ची दून चेतिन, अचारी बैंगन, पनीर के केसरयुक्त रोल, पालक-मेथी का गाढ़ा साग, तंदूर में पके भरवां आलू और पीली दाल तड़का परोसे गए। इसके अलावा बंगाली मिठाई 'गुड़ संदेश' और दक्षिण भारतीय स्नैक 'मुरुक्कू' जैसे व्यंजन भी प्रस्तुत किए गए। यह कार्यक्रम राष्ट्रपति पुतिन के लिए आयोजित अंतिम आयोजन था, इसके बाद वह 5 दिसंबर 2025 को मॉस्को वापस लौट गए।
भोज की शुरुआत और व्यंजन विविधता
भोज की शुरुआत दक्षिण भारतीय व्यंजन 'गर्मागर्म मुरुंगेलाई चारू' से हुई। इसके बाद पुतिन को ऐसे व्यंजन परोसे गए, जिनमें कश्मीर का रंग, हिमालय की ताजगी और पूर्वोत्तर की खासियत एक ही प्लेट में समाहित थी। शिकमपुरी कबाब, झोल मोमो, गुच्ची आधारित डिश और अखरोट की चटनी ने भारतीय स्वाद की विविधता को बखूबी पेश किया।
मुख्य भोजन में भारतीय परंपरा का राजसी रूप
मुख्य कोर्स में पनीर के केसरयुक्त रोल, पालक-मेथी का गाढ़ा साग, तंदूर में पके भरवां आलू और अचारी बैंगन परोसे गए। इसके साथ दाल का देसी तड़का और ड्राई फ्रूट से महकता केसर पुलाव भी रखा गया। रोटियों की पूरी टोकरी में लच्छा परांठा, मिस्सी रोटी, मगज़ नान, सतनाज और बिस्कुटी रोटी जैसी विविधता शामिल थी। यह भोज भारतीय परंपरा और स्वाद का एक समृद्ध अनुभव पेश करता है।
सांस्कृतिक प्रस्तुति और संगीत
राजकीय भोज के दौरान नौसेना की बैंड और शास्त्रीय कलाकारों ने सरोद, सारंगी और तबला जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों पर प्रस्तुति दी। शास्त्रीय संगीत के साथ बॉलीवुड धुनों और रूसी रचनाओं का संयोजन भी हुआ। शाहरुख खान की फिल्म फिर भी दिल है हिंदुस्तानी का गीत और रूसी लोकधुनों का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा प्योत्र इलिच त्चैकोव्स्की के सम्मान में 'द नटक्रैकर सुइट' का कार्यक्रम भी रखा गया।

भोज का समापन
राजधानी की ठंड को ध्यान में रखते हुए भोज का समापन गरमाहट देने वाले मीठे व्यंजन बादाम का हलवा से हुआ। यह राजकीय भोज दोनों देशों के सांस्कृतिक और पाक परंपराओं के गहरे संबंध को दर्शाने वाला एक यादगार आयोजन साबित हुआ।