Edited By Parveen Kumar,Updated: 11 Nov, 2025 07:59 PM

राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर की शाम हुआ भयानक कार धमाका पूरे देश को झकझोर गया। शुरुआती जांच में इसे संभावित फिदायीन हमला बताया जा रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि जांच पूरी होने के बाद ही होगी। यह विस्फोट इतना जबरदस्त था कि कई गाड़ियों के...
नेशनल डेस्क: राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर की शाम हुआ भयानक कार धमाका पूरे देश को झकझोर गया। शुरुआती जांच में इसे संभावित फिदायीन हमला बताया जा रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि जांच पूरी होने के बाद ही होगी। यह विस्फोट इतना जबरदस्त था कि कई गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए और पूरे इलाके में दहशत फैल गई। इस हमले में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर भारत को उन दर्दनाक आत्मघाती हमलों की याद दिला दी, जिन्होंने देश की सुरक्षा व्यवस्था को गहराई से हिला दिया था।
पुलवामा हमला (2019)- सबसे घातक फिदायीन हमला
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर विस्फोटक से भरी गाड़ी से आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह घटना भारत के इतिहास में सबसे घातक फिदायीन हमलों में से एक मानी जाती है।
उरी हमला (2016)- जिसके बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक
18 सितंबर 2016 को आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर हमला किया।
हमले में 19 सैनिक शहीद हुए, जबकि सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया।
भारत ने इसके जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों को करारा जवाब दिया।
पठानकोट एयरबेस हमला (2016)- 80 घंटे की मुठभेड़
2 जनवरी 2016 को पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने हमला किया। लगभग 80 घंटे चली मुठभेड़ में सात जवान शहीद हुए। यह भी एक फिदायीन हमला माना गया था।
मुंबई हमला (2008)- जिसने दुनिया को हिला दिया
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने मुंबई में रेलवे स्टेशन, ताज होटल और अन्य स्थानों पर हमला किया। हमले में सैकड़ों लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए। यह हमला भारत पर अब तक का सबसे संगठित फिदायीन हमला था।
संसद हमला (2001)- लोकतंत्र के दिल पर वार
13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने दिल्ली स्थित भारतीय संसद भवन पर हमला किया। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में सभी पांच आतंकी मारे गए, लेकिन 9 लोग शहीद हो गए थे। यह हमला भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चेतावनी की घंटी साबित हुआ।
लाल किला और अन्य फिदायीन हमले
22 दिसंबर 2000 को दिल्ली के लाल किले पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें तीन सैनिक शहीद हुए थे। इसके अलावा 25 जनवरी 2000 को श्रीनगर एयरपोर्ट और 2002 में जम्मू के रघुनाथ मंदिर पर भी आत्मघाती हमले हुए, जिनमें कई लोगों की जान गई।