Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Oct, 2020 11:11 AM
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़िता की मौत के बाद देशभर में न्याय की मांग की जा रही है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लोग विरोध कर रहे हैं। साल 2012 में दिल्ली में हैवानियत का शिकार बनी निर्भया का केस लड़ने वाली वकील सीमा समृद्धि...
नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश के हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़िता की मौत के बाद देशभर में न्याय की मांग की जा रही है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लोग विरोध कर रहे हैं। साल 2012 में दिल्ली में हैवानियत का शिकार बनी निर्भया का केस लड़ने वाली वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा ने हाथरस की पीड़िता के केस लड़ने क ऐलान किया है। वहीं इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि निर्भया कांड के दोषियों का केस लड़ने वाले अधिवक्ता एपी सिंह हाथरस के आरोपियों का केस लड़ना चाहते हैं। अधिवक्ता एपी सिंह ने हाथरस के आरोपियों के परिजनों से संपर्क किया और कहा कि वे उनका केस लड़ना चाहते हैं।
एपी सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री मानवेंद्र सिंह ने भी उनसे हाथरस मामले में आरोपियों का मुकदमा लड़ने की बात कही है। मानवेंद्र सिंह द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा पैसे इकट्ठा कर वकील एपी सिंह की फीस भरेगी। एपी सिंह को लिखे पत्र में कहा गया कि हाथरस केस के जरिए से एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग करके सवर्ण समाज को बदनाम किया जा रहा है, जिससे खासतौर से राजपूत समाज बेहद आहत हुआ है।
पीड़िता के परिवार की तरफ से केस लड़ रही अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने कहा कि वह जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुकद्दमे की सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करेंगी। कुशवाहा ने कहा कि जब तक मामला उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं किया जाएगा, हाथरस की बेटी को इंसाफ नहीं मिलेगा।