Edited By Mehak,Updated: 30 Sep, 2025 05:43 PM

लखनऊ नगर निगम ने शहर में पालतू बिल्लियों के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है। पालतू बिल्ली रखने वाले मालिकों को अब सालाना ₹500 का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिना लाइसेंस पाए जाने पर ₹1000 का जुर्माना लगेगा। यह कदम पालतू जानवरों की देखभाल और पशु कल्याण...
नेशनल डेस्क : यूपी के लखनऊ में अब पालतू बिल्ली पालना के लिए लखनऊ नगर निगम ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए शहर में पालतू बिल्लियों के लिए सालाना लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है। जिन लोगों के घर में बिल्ली है, उन्हें अब हर साल अपने पालतू जानवर का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिना लाइसेंस बिल्ली रखने पर ₹1000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
लाइसेंस प्रक्रिया और शुल्क
नगर निगम ने 27 सितंबर से पालतू बिल्लियों के लिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सालाना लाइसेंस शुल्क ₹500 निर्धारित किया गया है। लाइसेंस में बिल्ली के टीकाकरण और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी दर्ज होगी।
ब्रीडिंग सेंटर के लिए कड़े नियम
सिर्फ पालतू बिल्लियों ही नहीं, एनिमल ब्रीडिंग सेंटर चलाने वालों के लिए भी सख्त नियम बनाए गए हैं। ब्रीडिंग सेंटर के लिए लाइसेंस शुल्क ₹5000 रखा गया है। आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि यह कदम अवैध ब्रीडिंग और पशुओं के शोषण को रोकने के लिए जरूरी है। सभी सेंटर को निगम द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना होगा।
मकसद और उद्देश्य
लखनऊ नगर निगम का यह कदम पहले से लागू कुत्ते पालने के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया की तर्ज पर है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शहर में सभी पालतू जानवर पंजीकृत हों, उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवा मिले और उनकी आबादी को नियंत्रित किया जा सके।
आवेदन प्रक्रिया
पालतू बिल्ली के लिए लाइसेंस नगर निगम कार्यालय या ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करके प्राप्त किया जा सकता है। नगर निगम ने पालतू पशु मालिकों को ज़िम्मेदार बनने और पशु कल्याण बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है।