Edited By vasudha,Updated: 25 Jul, 2021 07:53 AM
: महाराष्ट्र के पुणे और कोंकण संभाग में पिछले तीन दिन में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 112 पर पहुंच गई। मृतकों में सबसे अधिक रायगढ़ जिले के 52 लोग शामिल हैं। राज्य में कम से कम 1,35,313 लोगों को...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे और कोंकण संभाग में पिछले तीन दिन में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 112 पर पहुंच गई। मृतकों में सबसे अधिक रायगढ़ जिले के 52 लोग शामिल हैं। राज्य में कम से कम 1,35,313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया गया है जिनमें पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले के 78,111 और कोल्हापुर जिले में 40,882 लोग शामिल है।
एक तरफ जहां बाढ़ से प्रभावित चिपलुन, खेड और महाड जैसे शहरों के लोग इस आपदा से उबरने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं, प्रशासन के समक्ष जल एवं बिजली आपूर्ति बहाली के साथ ही प्रभावित इलाकों के लोगों के लिए भोजन और दवाओं का प्रबंध करना चुनौती बना हुआ है। पुलिस उप महानिरीक्षक (कोंकण) संजय मोहिते ने पीबताया कि रायगढ़ जिले के तलीये गांव में बृहस्पतिवार को हुए भूस्खलन स्थल से कम से कम 41 शव निकाले गए हैं जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि अगले 24 घंटों में पश्चिमी तट पर बारिश की तीव्रता कम होने के आसार हैं जिससे वर्षा से प्रभावित महाराष्ट्र और गोवा को राहत मिल सकती है। वहीं, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बचाव अभियान को तेज करने के लिए अपनी टीम की संख्या 26 से बढ़ाकर 34 कर दी। ये इलाके भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हैं।
उधर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से शनिवार को बात की और राज्य में बारिश एवं बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता जताई। राष्ट्रपति भवन ने कहा कि राज्यपाल ने लोगों की परेशानियां कम करने के लिए किए जा रहे बचाव एवं राहत के कार्यों से राष्ट्रपति को अवगत कराया।