Edited By shukdev,Updated: 10 Sep, 2019 11:47 PM

महाराष्ट्र में मेडिकल पाठ्यक्रम पास करने के बाद ग्रामीण इलाकों में सेवा देने वाले छात्रों को राज्य सरकार एमबीबीएस में आरक्षण देने की योजना बना रही है। प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर यह प्रतिबद्धता टूटती है, तो छात्रों को उनकी डिग्री रद्द करने के...
मुंबई: महाराष्ट्र में मेडिकल पाठ्यक्रम पास करने के बाद ग्रामीण इलाकों में सेवा देने वाले छात्रों को राज्य सरकार एमबीबीएस में आरक्षण देने की योजना बना रही है। प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर यह प्रतिबद्धता टूटती है, तो छात्रों को उनकी डिग्री रद्द करने के अलावा कारावास जैसे गंभीर परिणाम भुगतना होगा। राज्य सरकार की कैबिनेट ने सोमवार को आगामी विधानसभा सत्र में ‘महाराष्ट्र डेजिग्नेशन आफ सर्टेन सीट्स इन गवर्नमेंट एंड म्युनिसिपल कार्पोरेशंस मेडिकल कालेज' विधेयक लाने का निर्णय किया है।
विधानसभा का अगला सत्र अब चुनाव के बाद होगा। इसके अनुसार जो उम्मीदवार दूर दराज एवं ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में काम करना स्वीकार करेंगे, उनके लिए एमबीबीएस एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में क्रमश: 10 और 20 सीट आरक्षित होंगी। मौजूदा व्यवस्था के अनुसार मेडिकल छात्र एक बांड पेपर जमा करते हैं कि वे पास होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देंगे लेकिन यह सब केवल कागजों में ही रह जाता है।