Edited By Shubham Anand,Updated: 03 Sep, 2025 02:40 PM

महाराष्ट्र के मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल की मराठा आरक्षण को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कैबिनेट बैठक बीच में छोड़ दी। सरकार ने पात्र मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने की मांग स्वीकार की है, जिसे भुजबल ने ओबीसी कोटे में आरक्षण के...
नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल की नाराजगी मराठा आरक्षण को लेकर लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को उन्होंने चल रही कैबिनेट बैठक बीच में ही छोड़ दी। सरकार ने मराठा आरक्षण के तहत पात्र मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने की मांग स्वीकार कर ली है, जबकि भुजबल ओबीसी कोटे में मराठाओं को आरक्षण दिए जाने के खिलाफ रहे हैं।
भुजबल ने इस विवाद के बीच बांद्रा स्थित अपने कार्यालय में ओबीसी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। दूसरी ओर, ओबीसी समाज की नाराजगी कम करने के लिए सरकार ने एक समिति भी गठित की है। इस फैसले को ओबीसी नेता मनोज जरांगे ने अपनी जीत बताते हुए अपना अनशन समाप्त कर दिया है।
भुजबल का बयान
महाराष्ट्र के नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री छगन भुजबल ने मंगलवार को कहा कि वह सरकार द्वारा जारी किए गए उस प्रस्ताव का गहन अध्ययन कर रहे हैं, जिसमें मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र प्रदान करने का प्रावधान शामिल है। भुजबल लंबे समय से ओबीसी कोटे में मराठा समुदाय को आरक्षण दिए जाने का विरोध करते रहे हैं।
मंत्री छगन भुजबल ने बताया कि वह और उनकी टीम इस प्रस्ताव की पूरी पड़ताल कर रहे हैं और इस विषय पर कानूनी विशेषज्ञों से भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विस्तृत अध्ययन के बाद वे इस मुद्दे पर अपने विचार सार्वजनिक करेंगे।