Edited By Mansa Devi,Updated: 19 Sep, 2025 12:43 PM

केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में किए गए बड़े बदलाव के बाद अब आम जनता को इसका सीधा फायदा मिलने लगा है। देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी (FMCG) कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G), आईटीसी (ITC) और इमामी ने अपने कई घरेलू...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में किए गए बड़े बदलाव के बाद अब आम जनता को इसका सीधा फायदा मिलने लगा है। देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी (FMCG) कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G), आईटीसी और इमामी ने अपने कई घरेलू उत्पादों की कीमतों में कटौती की घोषणा कर दी है। ये नई दरें 22 सितंबर से लागू हो रही हैं।
इन कंपनियों ने क्या-क्या सस्ता किया?
कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स की नई लिस्ट जारी की है, जिसमें कई रोजमर्रा की चीजों के दाम कम हुए हैं। इसका मकसद जीएसटी दर में कमी का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है।
प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G): कंपनी ने विक्स, हेड एंड शोल्डर्स, पैंटीन, पैम्पर्स (डायपर), जिलेट, ओरल-बी और ओल्ड स्पाइस जैसे ब्रांड्स की कीमतें घटाई हैं। उदाहरण के लिए, हेड एंड शोल्डर्स का 300ml शैम्पू ₹360 से घटकर ₹320 का हो गया है। इसी तरह, विक्स इनहेलर अब ₹69 की जगह ₹64 में मिलेगा।
हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL): HUL ने डव शैम्पू, हॉर्लिक्स, किसान जैम, ब्रू कॉफी और लक्स-लाइफबॉय जैसे साबुन सस्ते किए हैं। हॉर्लिक्स चॉकलेट (200 ग्राम) की कीमत ₹130 से घटकर ₹110 हो गई है। लक्स साबुन का 4-पैक अब ₹96 की जगह ₹85 में मिलेगा।
इमामी: इस कंपनी ने बोरोप्लस एंटीसेप्टिक क्रीम, नवरत्न तेल, झंडू बाम और केश किंग जैसे अपने लोकप्रिय उत्पादों के दाम कम किए हैं। उदाहरण के लिए, केश किंग गोल्ड आयुर्वेदिक तेल (100ml) अब ₹190 की जगह ₹178 का मिलेगा।
आईटीसी (ITC): आईटीसी ने घोषणा की है कि वह भी अपने सभी उत्पादों पर जीएसटी के फायदे का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएगी। कंपनी का कहना है कि जीएसटी में सुधार से उपभोग और व्यापार दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
जीएसटी में क्या हुआ बदलाव?
केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर टैक्स स्लैब की संख्या 4 से घटाकर 2 कर दी है। अब अधिकतर सामानों पर 5% और 18% की दर से टैक्स लगेगा, जबकि कुछ लक्जरी वस्तुओं पर 40% की विशेष दर लागू होगी। सिगरेट और तंबाकू जैसे उत्पादों को छोड़कर ये नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से त्योहारों के सीजन में खपत बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।