सरदार सरोवर बांध: मेधा पाटकर को जबरन अनशन स्थल से उठा अस्पताल में भर्ती कराया

Edited By Updated: 08 Aug, 2017 10:51 AM

medha patkar has been forced by police from the place fast

सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए उचित पुनर्वास की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर (62) और उनके साथ उपवास पर बैठे अन्य लोगों को पुलिस ने...

इंदौर/धार (मप्र): सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए उचित पुनर्वास की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर (62) और उनके साथ उपवास पर बैठे अन्य लोगों को पुलिस ने 12वें दिन सोमवार को धरना स्थल से उठाकर इंदौर, बड़वानी और धार के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
नर्मदा घाटी के डूब प्रभावितों को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का इंतजार है। पुनर्वास को लेकर उन्हें तारीख आगे बढ़ने की उम्मीद है। इससे पहले 31 दिसंबर को चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने तारीख आगे बढ़ा दी थी।

शिवराज बोले, अस्पताल में भर्ती कराया, गिरफ्तार नहीं
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, गिरफ्तार नहीं किया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ मैं संवेदनशील व्यक्ति हूं। चिकित्सकों की सलाह पर मेधा पाटकर जी व उनके साथियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, गिरफ्तार नहीं किया गया है।’’  उन्होंने कहा कि मेधा पाटकर और उनके साथियों की स्थिति हाई कीटोन और शुगर के कारण चिंतनीय थी। इनके स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन के लिए हम प्रयासरत हैं।  मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विस्थापितों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने नर्मदा पंचाट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के साथ 900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त पैकेज देने का काम किया।

मेधा की जान को था खतरा
इंदौर सम्भाग के आयुक्त संजय दुबे ने भी बताया था कि मेधा और अन्य अनशनकारियों को डॉक्टरों की लिखित रिपोर्ट के आधार पर धार जिले के चिखल्दा स्थित आंदोलन स्थल से उठाकर इंदौर, बड़वानी और धार के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। दुबे के मुताबिक डॉक्टरों में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि लगातार 12 दिन तक अनशन के चलते मेधा और अन्य लोगों की जान को खतरा है। संभाग आयुक्त ने बताया कि मेधा को इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह होश में हैं और बातचीत कर रही हैं। उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। उनकी सेहत में सुधार के लिए ड्रिप के जरिये जरूरी द्रव और दवाइयां उनके शरीर में पहुंचाई जा रही हैं।
PunjabKesari
लोगों ने पुलिस के साथ की धक्का-मुक्की
इस बीच, इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय शर्मा ने दावा किया कि पुलिस ने चिखल्दा में मेधा और अन्य लोगों को अनशन से उठाए जाने के दौरान बल प्रयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि मौके पर मौजूद लोगों ने इन्हें अनशन से उठाए जाने के दौरान धक्का-मुक्की कर उग्र प्रतिक्रिया दिखाई, जिससे सात पुलिस कर्मी घायल हुए, कुछ सरकारी गाड़ियों के कांच टूट गए और कुछ वायरलेस सेट गायब हो गए।

प्रशासन की कार्रवाई तानाशाहीपूर्ण
उधर, नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्त्ता चिन्मय मिश्रा ने अनशनकारियों पर पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई को तानाशाहीपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मेधा और अन्य लोगों को बल प्रयोग कर अनशन से उठाया गया और उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए उनकी सहमति नहीं ली गई। पुलिस मेधा सहित उपवास पर बैठे छह लोगों को धरना स्थल से बलपूर्वक उठा कर ले गई। इनमें पांच महिलाएं एवं एक पुरुष है।’’

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!