Edited By Anu Malhotra,Updated: 03 Aug, 2022 04:03 PM
देश में बढ़ते मंकीपॉक्स बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज एक नई एडवाइजरी जारी की है। जिसमें बताया गया है कि इस संक्रमण से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें।
नई दिल्ली: देश में बढ़ते मंकीपॉक्स बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज एक नई एडवाइजरी जारी की है। जिसमें बताया गया है कि इस संक्रमण से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमित व्यक्ति को अन्य लोगों से अलग रखने की सलाह पर जोर दिया ताकि बीमारी न फैले। बता दें कि देश में अब तक करीब 9 मामले सामने आ चुके हैं। आईए जानते हैं मंकीपॉक्स से बचने के लिए सरकार ने कौन कौन से गाइडलाइन जारी की है....
क्या करें
-मंत्रालय ने इनफेक्टेड मरीजों से दूर रहने की हिदायत दी
-किसी संक्रमित व्यक्ति के आसपास हैं तो मास्क पहने और गलब्स का इस्तेमाल करें
-साबुन या सैनिटाइजर से हाथ धोते रहिए.
-मंकीपॉक्स के संक्रमित मरीज के साथ यौन संबंध नहीं बनाएं
क्या न करें
-अपना तौलिया उनके साथ शेयर मत कीजिए जो कि किसी मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आया हो
-अपने कपड़े किसी भी संक्रमित व्यक्ति के कपड़ो के साथ न धोएं
-आपको लक्षण हैं तो किसी भी सार्वजनिक इवेंट में न जाएं.
-लोगों को गलत सूचना के आधार पर नहीं डराएं
-अपना कप और खाना मंकीपॉक्स मरीज के साथ शेयर मत करिए
मंकीपॉक्स लक्षण
-तेज बुखार
-थकान, बदन और सिर दर्द,
-मांसपेशियों में दर्द
-त्वचा पर दिखाई देने वाले लाल चकत्तों या पस भरे हुए लाल दाने
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स वायरस 1958 में पहली बार शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। इस वायरस का पहला मामला 1970 में रिपोर्ट किया गया है। मंकीपॉक्स का कोई इलाज नहीं है। लेकिन चेचक का टीका मंकीपॉक्स को रोकने में 85 फीसदी साबित हुआ है। एक्सपर्ट की माने तो मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित किसी जानवर के संपर्क में आने से यह इंसानों में फैलता है।