आपने भी रखा है नवरात्रि का व्रत, जानिए नौ दिन के उपवास से शरीर पर क्या पड़ता है असर?

Edited By Updated: 23 Sep, 2025 06:50 PM

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नवरात्रि में नौ दिन का व्रत न केवल आध्यात्मिक बल्कि शारीरिक रूप से भी लाभकारी हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार फलाहार से वजन घटाने और डिटॉक्स में मदद मिलती है, लेकिन पोषण और हाइड्रेशन का ध्यान जरूरी है। लंबे समय तक भूखे रहने या व्रत के तुरंत बाद...

नेशनल डेस्क : नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ-साथ व्रत का विशेष महत्व है। लाखों लोग नौ दिनों तक व्रत रखते हैं, जिसमें केवल फलाहार जैसे दूध, दही, फल, मेवे, साबूदाना, आलू और सिंघाड़े का आटा शामिल होता है। इनसे स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन बनाए जाते हैं। यह व्रत न केवल मन और शरीर की शुद्धि करता है, बल्कि वजन कम करने में भी मददगार हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इस दौरान सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि नौ दिन तक फलाहार करने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसे स्वस्थ तरीके से कैसे निभाएं।

व्रत का शरीर पर क्या पड़ता है असर?
दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. संचयन रॉय के अनुसार, नौ दिन तक व्रत रखने से शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। पहले कुछ दिनों में पानी और इलेक्ट्रोलाइट की कमी के कारण थकान, चक्कर या सिरदर्द हो सकता है। कम भोजन के कारण ब्लड शुगर का स्तर गिरने से कमजोरी भी महसूस हो सकती है। डॉ. रॉय बताते हैं, "शरीर पहले ग्लूकोज का उपयोग करता है, फिर जमा चर्बी को बर्न कर केटोन बनाता है, जिससे हल्कापन महसूस हो सकता है। इससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन पोषण की कमी से बचने के लिए फल और पौष्टिक चीजों का सेवन जरूरी है।"

व्रत के बाद अचानक हैवी खाना खाने से गैस, कब्ज या पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए व्रत तोड़ने के बाद हल्का भोजन लेना चाहिए। गर्भवती महिलाओं, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या पुरानी बीमारी से पीड़ित लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह के लंबा व्रत नहीं रखना चाहिए। अगर व्रत के दौरान चक्कर, ठंड लगना, तेज कमजोरी, उल्टी या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

नवरात्रि व्रत: सेहतमंद रहने के लिए टिप्स

विशेषज्ञों ने नवरात्रि व्रत को स्वस्थ तरीके से निभाने के लिए ये सुझाव दिए हैं:

पौष्टिक फलाहार चुनें: फल, दही, साबूदाना, सिंघाड़े का आटा और मेवे को डाइट में शामिल करें। ये ऊर्जा और पोषण प्रदान करते हैं।

लंबे समय तक भूखे न रहें: ज्यादा देर भूखा रहने से कमजोरी हो सकती है। छोटे-छोटे अंतराल पर हल्का फलाहार लें।

हाइड्रेशन का ध्यान रखें: पानी, नारियल पानी और फ्रेश जूस पीकर शरीर को हाइड्रेट रखें।

फ्राइड और मसालेदार भोजन से बचें: तली-भुनी चीजों की जगह बेक्ड या हल्के व्यंजन चुनें।

शारीरिक मेहनत कम करें: ज्यादा मेहनत वाले काम से बचें, क्योंकि इससे थकान और चक्कर की समस्या हो सकती है।

हेल्दी डिशेज बनाएं: साबूदाना खिचड़ी, फल सलाद, कुट्टू के आटे की रोटी जैसे पौष्टिक व्यंजन डाइट में शामिल करें।

विशेषज्ञों की राय
डॉ. रॉय ने बताया कि व्रत के दौरान संतुलित आहार और हाइड्रेशन जरूरी है। अगर सही तरीके से व्रत रखा जाए, तो यह शरीर को डिटॉक्स करने और वजन नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है। लेकिन असंतुलित आहार या लंबे समय तक भूखे रहने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। खासकर गर्भवती महिलाओं और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को व्रत से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

नवरात्रि का यह पावन अवसर न केवल आध्यात्मिक शांति देता है, बल्कि सही तरीके से व्रत रखने पर शारीरिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दे सकता है। विशेषज्ञों की सलाह मानकर आप इस त्योहार को स्वस्थ और सुरक्षित तरीके से मना सकते हैं।

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