Edited By vasudha,Updated: 08 Jan, 2020 01:45 PM
16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया से सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। सात साल बाद भले ही निर्भया को इंसाफ मिल गया हो लेकिन आज भी उसके दोस्त को यह अफसोस है कि वह अपनी दोस्ती का फर्ज पूरा नहीं कर सका। इस मामले के एकलौते...
नेशनल डेस्क: 16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया से सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। सात साल बाद भले ही निर्भया को इंसाफ मिल गया हो लेकिन आज भी उसके दोस्त को यह अफसोस है कि वह अपनी दोस्ती का फर्ज पूरा नहीं कर सका। इस मामले के एकलौते चश्मदीद गवाह अवनींद्र पांडेय ने कहा कि जब उन्हें यह घटना याद आती है उनकी रूह कांप जाती है।
अवनींद्र पांडेय ने एक चैनेल से बातचीत में कहा कि मुझे हर पल एक दर्द सताता है कि दोस्ती अधूरी रह गई। हर पल साथ देने का वादा टूट गया। काश, मैं उसे बचा पाता। कहीं न कहीं दिल में ये बात चुभती है कि काश राजधानी पहले जागी होती तो निर्भया हमारे बीच होती। उन्होंने कहा कि निर्भया के साथ जो कुछ हुआ वह मुझे हर गुजरती रात के साथ याद आता है। मेरी दोस्त के साथ जो हुआ वह मेरे लिए किसी बुरे सपने की तरह है। इस घटना को मैं कभी भूल नहीं सकता।
निर्भया के दोस्त ने कहा कि घटना के दिन कि बातों को वह भूल नहीं सकता। मुझे घटना के बारे में सोचकर बहुत दुख होता है। मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि इंसानों के बीच हैवान भी रहते हैं जो इस हद तक गिर सकते हैं. अपराध कर सकते हैं। बता दें कि जिस दिन निर्भया के साथ वह दर्दनाक वाकया हुआ, उसी दिन वह अपने दोस्त के साथ ‘लाइफ आफ पाई’ फिल्म देखने गई थी। मूवी खत्म होने के बाद दोनों एक बस में सवार हुए जहां दरिंदों ने निर्भया को ना सिर्फ अपनी हवस का शिकार बनाया बल्कि दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी। इस घटना ने अवनींद्र को अंदर से झकझोर दिया वह सदमे में चला गया था।