Edited By shukdev,Updated: 27 Apr, 2020 06:27 PM
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्रों के संगठन के अध्यक्ष को फरवरी में उत्तरपूर्वी दिल्ली में दंगे के सिलसिले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि शिफा उर रहमान जामिया समन्वय समिति का सदस्य भी है और दंगों में...
नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्रों के संगठन के अध्यक्ष को फरवरी में उत्तरपूर्वी दिल्ली में दंगे के सिलसिले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि शिफा उर रहमान जामिया समन्वय समिति का सदस्य भी है और दंगों में कथित संलिप्तता के लिए उस पर अवैध गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। उसे रविवार की रात को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,‘हमारे पास उसके खिलाफ तकनीकी साक्ष्य थे जिससे पता चलता है कि दंगों के समय उसने भीड़ को उकसाया। दंगा प्रभावित क्षेत्रों से जुटाए गए सीसीटीवी फुटेज में भी वह दिखा। हमने उसके फोन रिकॉर्ड और व्हाट्सएप संदेश भी जांच किए हैं जिससे पता चलता है कि दंगों में उसकी संलिप्तता थी।' पुलिस के मुताबिक उसे नगर की एक अदालत में पेश किया गया जिसने उसे मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए दस दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा है।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सांप्रदायिक दंगों में कथित संलिप्तता के लिए अभी तक दस लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर और शफूरा जरगर को सांप्रदायिक दंगे भड़काने में कथित षड्यंत्र रचने के लिए इस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने प्राथमिकी में दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा ‘पूर्वनियोजित षड्यंत्र' था जिसे जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और दो अन्य ने रचा था।