Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Jul, 2024 05:27 PM

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शुक्रवार को ‘बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल' (बिम्सटेक) देशों से आतंकवाद, मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी तथा संगठित अपराध से निपटने...
International News: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शुक्रवार को ‘बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल' (बिम्सटेक) देशों से आतंकवाद, मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी तथा संगठित अपराध से निपटने में मजबूत सहयोग का आह्वान किया। डोभाल ने म्यांमा की राजधानी में बिम्सटेक देशों के सुरक्षा प्रमुखों की चौथी वार्षिक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य दिया।
म्यांमा स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एनएसए ने बिम्सटेक बैठक में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य दिया। उन्होंने आतंकवाद , मादक पदार्थों की तस्करी और हथियारों की तस्करी तथा संगठित अपराध से निपटने में सहयोग मजबूत करने, बिम्सटेक कनेक्टिविटी, दूसरे बंदरगाह सम्मेलन के आयोजन और हिमालयी नदी प्रणालियों की जल सुरक्षा पर बात की।'' यह बैठक सदस्य देशों के समक्ष आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण पहलों की रणनीति बनाने और समन्वय स्थापित करने के लिए आयोजित की गई है। इससे पहले डोभाल ने बृहस्पतिवार को म्यांमा के अपने समकक्ष एडमिरल मोए आंग से मुलाकात की। इसके अलावा वह अन्य बिम्सटेक सुरक्षा प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से भी मिले। डोभाल बृहस्पतिवार को हनोई से यहां पहुंचे थे।
हनोई में उन्होंने वियतनाम की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फू ट्रोंग के राजकीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार में भी हिस्सा लिया था। गुयेन फू ट्रोंग का 19 जुलाई को निधन हो गया था। बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है, जो बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों को आर्थिक विकास, व्यापार और परिवहन, ऊर्जा और आतंकवाद-निरोध जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जोड़ता है। इसका उद्देश्य सदस्य देशों-बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमा, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के बीच संबंधों को मजबूत करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। डोभाल ने एडमिरल मोए आंग को वहां की हिंसा और अस्थिरता के कारण म्यांमा की भारत के साथ लगती सीमा पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर नयी दिल्ली की चिंता से अवगत कराया।
सेना द्वारा एक फरवरी 2021 को तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा किए जाने के बाद से म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक स्तर पर हिंसक विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं। म्यांमा के कई हिस्सों में सेना और प्रतिरोधी बलों के बीच भीषण युद्ध जारी है। प्रतिरोधी बलों ने कई शहरों पर कब्जा कर लिया है। म्यांमा उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित भारत के कुछ पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। प्रतिरोधी बलों ने पहले ही भारत, चीन और बांग्लादेश से लगती म्यांमा की सीमा पर कई प्रमुख व्यापारिक बिंदुओं पर कब्जा कर लिया है।