Edited By Rohini Oberoi,Updated: 11 Dec, 2025 10:23 AM

दुनिया में एक बार फिर टैरिफ वॉर (Tariff War) की आहट सुनाई दे रही है। अमेरिका के बाद अब मेक्सिको (Mexico) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए चीन (China) समेत कई एशियाई देशों से आने वाले सामानों पर 50% तक हाई टैरिफ (High Tariff) लगाने का फैसला किया है। मेक्सिको...
इंटरनेशनल डेस्क। दुनिया में एक बार फिर टैरिफ वॉर (Tariff War) की आहट सुनाई दे रही है। अमेरिका के बाद अब मेक्सिको (Mexico) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए चीन (China) समेत कई एशियाई देशों से आने वाले सामानों पर 50% तक हाई टैरिफ (High Tariff) लगाने का फैसला किया है। मेक्सिको की सीनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और ये नए टैरिफ अगले साल यानी 2026 से लागू होने वाले हैं। मेक्सिको के इस कदम से उन देशों को बड़ा झटका लगने वाला है, जिनके साथ उसका कोई मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) नहीं है।
इन देशों पर पड़ेगा सबसे ज़्यादा असर
रिपोर्ट के मुताबिक मेक्सिको द्वारा बढ़ाया गया यह टैरिफ अगले साल 2026 से लागू होगा। इस फैसले से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले देशों में निम्नलिखित राष्ट्र शामिल हैं:
इन सभी देशों से आने वाले ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल (Textiles), स्टील (Steel) समेत अन्य सामानों पर अगले साल से मेक्सिको 50% तक टैरिफ वसूलेगा। सीनेट में पास किए गए प्रस्ताव के मुताबिक लगभग 1400 आयातित सामानों पर शुल्क लगाया जाएगा जिसमें कुछ सामानों पर टैरिफ को बढ़ाकर 35 फीसदी तक किया गया है।
मेक्सिको ने क्यों उठाया यह कदम?
मेक्सिको ने यह टैरिफ बढ़ाने का कदम दो प्रमुख उद्देश्यों से उठाया है:
-
स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा: अमेरिका की तरह ही मेक्सिको भी अपने स्थानीय उद्योगों (Local Industries) को बढ़ावा देने और उन्हें विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के उद्देश्य से यह कदम उठा रहा है।
-
वित्तीय घाटा दूर करना: विश्लेषकों और निजी क्षेत्र (Private Sector) ने तर्क दिया है कि यह फैसला दरअसल संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) को खुश करने और अगले वर्ष 3.76 अरब डॉलर (3.76 Billion USD) का अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने के लिए लिया गया है क्योंकि मेक्सिको अपने राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को दूर करने का प्रयास कर रहा है।
मेक्सिको की सीनेट में इस टैरिफ बढ़ाने वाले विधेयक के पक्ष में 76 वोट पड़े जबकि विरोध में सिर्फ 5 वोट रहे जिससे इसका पारित होना सुनिश्चित हो गया। हालांकि व्यापार समूहों ने इस टैरिफ वृद्धि का जमकर विरोध भी किया है।