ऑफ द रिकॉर्ड: शिवसेना को 50 प्रतिशत सीटें देने के मूड में नहीं भाजपा

Edited By Pardeep,Updated: 29 Aug, 2019 05:59 AM

off the record bjp not in the mood to give 50 percent seats to shiv sena

लोकसभा चुनाव के दौरान शिवसेना की मांगें मानने के बाद अब भाजपा ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सीट शेयरिंग में शिवसेना अधिक सीटें पाने के लिए सौदेबाजी करना चाहती है। शिवसेना महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288...

नेशनल डेस्क: लोकसभा चुनाव के दौरान शिवसेना की मांगें मानने के बाद अब भाजपा ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सीट शेयरिंग में शिवसेना अधिक सीटें पाने के लिए सौदेबाजी करना चाहती है। शिवसेना महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटों में से 50 प्रतिशत पर चुनाव लडऩे का सपना पाले हुए है लेकिन भाजपा नेतृत्व ने इससे स्पष्ट इंकार कर दिया है। 
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इस संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडऩवीस ने एक फार्मूला सुझाया है जिसके अनुसार दोनों पार्टियां उतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जितनी उन्होंने 2014 में जीती थीं तथा बाकी सीटों को आधे-आधे बांटा जाएगा क्योंकि भाजपा ने उस समय 122 तथा शिवसेना ने 63 सीटें जीती थीं। ऐसे में केवल 103 सीटों का दोनों पार्टियों में बंटवारा होगा। यदि कुछ सीटें अन्य छोटे दलों को दे दी जाती हैं तो शिवसेना केवल 110 से कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा अध्यक्ष और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि सीटों के बंटवारे पर फैसला राज्य का नेतृत्व करेगा। 
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हालांकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अधिक सीटें पाने की उम्मीद नहीं छोड़ी है ताकि अगला मुख्यमंत्री तय करने में उनकी पार्टी अहम भूमिका में आ सके। उद्धव ठाकरे का कहना है कि उनकी पार्टी और भाजपा के बीच सीट शेयरिंग स्वयं वह, फडऩवीस और अमित शाह तय करेंगे। हालांकि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने इस बार राज्य स्तर की बातचीत में शामिल होने से इंकार कर दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की केन्द्रीय इकाई हर कीमत पर सहयोगियों को अपने साथ बनाए रखना चाहती थी और इसलिए छोटे दलों की अधिक सीटों की मांग भी मान ली गई थी ताकि एन.डी.ए. में एकजुटता बरकरार रहे। 
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उस दौरान भाजपा  जनता  दल (यू) तथा अन्य पाॢटयों को अधिक सीटें देने पर सहमत हो गई थी लेकिन विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा नेतृत्व सहयोगियों की बात मानने के मूड में नहीं है और वह राज्य नेतृत्व द्वारा सुझाए गए फार्मूले पर अडिग है। भाजपा के एक केन्द्रीय नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘‘इसे स्वीकार करना या छोडऩा शिवसेना पर निर्भर है। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव शीघ्र ही मुम्बई दौरे पर जा सकते हैं।’’

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