Edited By Rohini Oberoi,Updated: 16 Dec, 2025 10:23 AM

यह एक आम समस्या है कि सैलरी कितनी भी हो खर्च हमेशा ज्यादा ही लगते हैं। अगर आपकी मासिक आय (Monthly Salary) ₹25,000 से ₹30,000 के बीच है तो मन में सवाल आता है कि बचत कैसे करें? अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आय चाहे कम हो आपको अपनी कमाई का एक हिस्सा...
Salary Saving Trick : यह एक आम समस्या है कि सैलरी कितनी भी हो खर्च हमेशा ज्यादा ही लगते हैं। अगर आपकी मासिक आय (Monthly Salary) ₹25,000 से ₹30,000 के बीच है तो मन में सवाल आता है कि बचत कैसे करें? अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आय चाहे कम हो आपको अपनी कमाई का एक हिस्सा ज़रूर बचाना चाहिए। हालांकि हर किसी के लिए 40% बचत करना संभव नहीं है खासकर तब जब सैलरी कम हो। आइए जानते हैं कि कम सैलरी में भी बचत और निवेश (Savings and Investment) कैसे शुरू करें ताकि भविष्य आर्थिक रूप से सुरक्षित हो सके।
पहला कदम: खर्चों में कटौती (Cutting Expenses)
बचत शुरू करने के लिए सबसे पहले अपने खर्चों को नियंत्रित करना होगा। सबसे पहले यह तय करें कि आपकी ज़रूरत (Need) क्या है और चाहत (Want) क्या है। आपका बजट केवल आपकी ज़रूरतों को पूरा कर सकता है, चाहतों को नहीं। यदि आप किसी ऐसे ऐप, सर्विस या चैनल का सब्सक्रिप्शन ले रहे हैं जिसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है तो उसे तुरंत अनसब्सक्राइब कर दें। बिजली बचाने के लिए LED या CFL बल्ब का इस्तेमाल करें। जिन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का उपयोग नहीं हो रहा है उन्हें अनप्लग कर दें। बहुत मजबूरी न हो तो कर्ज (Loan) लेने से बचें क्योंकि कर्ज के साथ ब्याज (Interest) का भुगतान भी करना पड़ता है जो आपकी मासिक बचत को घटा देता है।
बचत का गोल्डन रूल: 50-30-20 फॉर्मूला
कम सैलरी में बचत का सबसे प्रभावी तरीका है 50-30-20 फॉर्मूले का पालन करना। यह आपके खर्चों को ट्रैक करने और नियंत्रित करने का सबसे आसान तरीका है:
| प्रतिशत |
राशि (₹25,000 सैलरी पर) |
मद (Category) |
विवरण |
| 50% |
₹12,500 |
ज़रूरतें (Needs) |
किराया, राशन, यूटिलिटी बिल, परिवहन आदि। |
| 30% |
₹7,500 |
बचत (Savings) |
इमरजेंसी फंड, भविष्य की ज़रूरतें। |
| 20% |
₹5,000 |
निवेश (Investment) |
SIP, म्यूचुअल फंड, लंबी अवधि के लक्ष्य। |
अपने खर्चों को नियंत्रित करने के लिए मासिक बजट बनाना आवश्यक है। पिछले महीने के खर्चों को एक साधारण कॉपी में नोट करें या ऐप का उपयोग करें। जब आप अपने खर्चों को देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि आप कहां फिजूलखर्ची कर रहे हैं और कहां पैसा बचाया जा सकता है।
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निवेश की शुरुआत (Starting Investment)
निवेश की शुरुआत छोटे स्तर पर भी की जा सकती है लेकिन इसे लंबे समय तक जारी रखना ज़रूरी है:
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ऑटोमेटेड ट्रांसफर सेट करें: निवेश के लिए निर्धारित राशि को अपनी सैलरी आते ही अपने सेविंग अकाउंट या इन्वेस्टमेंट अकाउंट में ऑटोमेटिक ट्रांसफर के लिए सेट कर दें। इससे पहले बचत होगी फिर खर्च।
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SIP से करें शुरुआत: आप SIP (Systematic Investment Plan) में मात्र ₹500 प्रति माह के निवेश से शुरुआत कर सकते हैं। SIP में चक्रवृद्धि ब्याज (Compounding Interest) के कारण लंबे समय में आपको बड़ा रिटर्न मिलता है।
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इमरजेंसी फंड तैयार करें: आपातकालीन स्थितियां (Emergencies) बता कर नहीं आतीं। इसलिए एक अलग सेविंग अकाउंट में हर महीने थोड़ी-थोड़ी राशि जमा करके एक इमरजेंसी फंड तैयार करें। यह फंड आपको अचानक आई ज़रूरतों के लिए कर्ज लेने से बचाएगा।