Edited By Pardeep,Updated: 14 Jan, 2021 05:48 AM
एक हैरान करने वाले घटनाक्रम में गुजरात काडर से शीर्ष आई.ए.एस. अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा ने त्यागपत्र दे दिया है। शर्मा उस समय से ही प्रधानमंत्री के बेहद करीब समझे जाते थे जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। अरविंद शर्मा ने 2014 तक
नई दिल्लीः एक हैरान करने वाले घटनाक्रम में गुजरात काडर से शीर्ष आई.ए.एस. अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा ने त्यागपत्र दे दिया है। शर्मा उस समय से ही प्रधानमंत्री के बेहद करीब समझे जाते थे जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
अरविंद शर्मा ने 2014 तक प्रधानमंत्री कार्यालय में भी सेवाएं दी थीं, अचानक ही गत वर्ष उन्हें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अधीन एम.एस.एम.ई. मंत्रालय में भेज दिया गया। शर्मा के प्रधानमंत्री कार्यालय से हटाए जाने से नौकरशाही बिरादरी में हलचल मच गई थी। अरविंद शर्मा 1988 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी हैं और अभी उनके सेवाकाल में काफी समय बचा है। सरकार ने तुरंत ही उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया और देर रात गजट नोटीफिकेशन भी जारी कर दिया गया।
नौकरशाही सूत्रों का कहना है कि अरविंद शर्मा प्रधानमंत्री कार्यालय में विश्वास खो चुके हैं। ऐसे हालात कैसे बने किसी को नहीं मालूम। केंद्र सरकार में सचिव स्तर के कई पद पिछले कई महीनों से खाली हैं और अब इस इस्तीफे के बाद सरकार पर इन खाली पदों को जल्द से जल्द भरने का दबाव बढ़ गया है। 30 दिसम्बर को डा. सी. चंद्रमौली के रिटायर होने के बाद परसोनल एवं ट्रेनिंग डिपार्टमैंट में सचिव का पद खाली है।
खनन मंत्रालय में पूर्णकालिक सचिव का पद खाली है जिससे सुशील कुमार 25 जुलाई को रिटायर हुए थे। 25 अप्रैल को रवि मित्तल के रिटायर होने के बाद से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव पद भी खाली है। प्रवीण श्रीवास्तव के 31 अगस्त 2020 को रिटायर होने के बाद से यही कहानी पेयजल एवं स्वच्छता तथा सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग की भी है। कपड़ा मंत्रालय और उर्वरक विभाग के सचिव भी दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
यदि हम सुविज्ञ सूत्रों की मानें तो कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ए.सी.सी.) 1989 के आई.ए.एस. अधिकारियों के एमपैनलमैंट को अपनी स्वीकृति दे सकती है जिन्हें सचिव व सचिव के बराबर के पद सौंपे जाएंगे। बताया गया है कि एमपैनलमैंट की फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय के पास है और ए.सी.सी. उसे किसी भी समय हरी झंडी दे सकती है।