Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Sep, 2019 08:40 AM
आपने अक्सर अपने घर और आसपास लोगों को ये कहता सुना होगा की पितृपक्ष अथवा श्राद्धों में न तो कोई शुभ काम किया जाता है और न ही खरीदारी। ये केवल एक लोकमान्यता है, जिसका लोग सदियों से
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आपने अक्सर अपने घर और आसपास लोगों को ये कहता सुना होगा की पितृपक्ष अथवा श्राद्धों में न तो कोई शुभ काम किया जाता है और न ही खरीदारी। ये केवल एक लोकमान्यता है, जिसका लोग सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी पालन करते आ रहे हैं। हिंदू शास्त्रों और पुराणों में कहीं भी ऐसा कोई उल्लेख नहीं है। पितृपक्ष के दौरान मृत आत्माएं धरती पर आती हैं इसलिए इसे साधना का काल कहा गया है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है शायद इसी कारणवश पितृपक्ष के आरंभ से पहले गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक गणपति बप्पा की पूजा धूमधाम के साथ की जाती है।
कुछ किवंदतियों के अनुसार पितृपक्ष में की गई खरीदारी से पितर नाराज हो जाते हैं अथवा खरीदा गया सामान प्रेत का अंश होता है। पितृपक्ष में बाजार ठंडा रहता है इसलिए दुकानदार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए लुभावने ऑफर देते रहते हैं। पितृपक्ष 2019 में बहुत सारे शुभ योग बनने वाले हैं।
15 सितंबर से लेकर 27 सितंबर तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। अत: आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
17 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बनेंगे। इस दौरान बिंदास होकर शुभ काम और शापिंग की जा सकती है।
21 सितंबर को श्री महालक्ष्मी व्रत समाप्त होंगे, इसके साथ-साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवियोग बन रहा है। इस दिन लेन-देन संबंधी काम हो या निवेश करना शुभ फलदायी होता है।
22 सितंबर को मासिक कालाष्टमी व्रत, जीवित्पुत्रिका व्रत और श्रीमहालक्ष्मी व्रत अष्टमी तिथि में मनाया जाएगा। इस दिन शादी-ब्याह संबंधित अवश्यक काम भी किए जा सकते हैं।