Edited By rajesh kumar,Updated: 24 May, 2022 08:11 PM
सरकार पर्याप्त घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए छह साल में पहली बार चीनी निर्यात को एक करोड़ टन तक सीमित कर सकती है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
नेशनल डेस्क: सरकार पर्याप्त घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए छह साल में पहली बार चीनी निर्यात को एक करोड़ टन तक सीमित कर सकती है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। चीनी मिलों ने विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में अबतक 90 लाख टन चीनी के निर्यात का अनुबंध किया है। सूत्रों ने बताया कि इसमें से 75 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है।
ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और निर्यातक देश है। सूत्रों ने कहा, ‘‘चीनी निर्यात प्रतिबंधों पर एक या दो दिन में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।'' नए 2022-23 विपणन वर्ष के पहले दो महीनों में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सितंबर, 2022 के अंत में 60 लाख टन के पिछले बचे स्टॉक की आवश्यकता है। सूत्रों ने कहा कि साथ ही देश की प्राथमिकता सबसे पहले घरेलू आवश्यकता को पूरा करना, कीमतों को नियंत्रण में रखना और अतिरिक्त मात्रा बचने पर ही निर्यात की अनुमति देना है।
सूत्रों ने कहा कि चालू विपणन वर्ष की समाप्ति से कुछ महीने पहले प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है, ताकि पहले अनुबंधित हो चुकी मात्रा की आपूर्ति सुचारू रूप से हो सके। वर्ष 2020-21 में देश ने 70 लाख टन चीनी का निर्यात किया। चीनी के प्रमुख आयातक देश इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश हैं।