Edited By Radhika,Updated: 17 Dec, 2025 02:01 PM

पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 दिसंबर 2025 को इथियोपिया की संसद को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत और इथियोपिया के बीच गहरे सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई दी। दुनिया की यह 18वीं संसद है जिसे पीएम मोदी ने संबोधित किया है। अपने भाषण में...
नेशनल डेस्क: पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 दिसंबर 2025 को इथियोपिया की संसद को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत और इथियोपिया के बीच गहरे सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई दी। दुनिया की यह 18वीं संसद है जिसे पीएम मोदी ने संबोधित किया है। अपने भाषण में उन्होंने इथियोपिया को 'लैंड ऑफ लायंस' (शेरों की भूमि) बताते हुए कहा कि उनके गृह राज्य गुजरात के साथ यह साझा जुड़ाव उन्हें घर जैसा अनुभव कराता है।
भारत के 140 करोड़ लोगों का मैत्री संदेश
संसद के 'लोकतंत्र के मंदिर' में अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह भारत की 140 करोड़ जनता की ओर से दोस्ती, सद्भावना और भाईचारे का संदेश लेकर आए हैं। उन्होंने दोनों देशों के राष्ट्रगीतों की समानता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का 'वंदे मातरम' और इथियोपिया का राष्ट्रगान दोनों ही 'मां' (मातृभूमि) की महिमा का गुणगान करते हैं। उन्होंने जोर दिया कि सीमाएं अलग हो सकती हैं, लेकिन हमारी सभ्यताओं की जड़ें एक ही हैं।
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सर्वोच्च सम्मान पर जताया आभार
पीएम मोदी को इथियोपिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ग्रेट ऑनर: निशान ऑफ इथियोपिया' से नवाजा गया। वह इस सम्मान को पाने वाले पहले ग्लोबल लीडर बन गए हैं। इस सम्मान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "यह सम्मान मेरा व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों का सम्मान है।" इससे पहले इथियोपिया के पीएम अबी अहमद अली ने नेशनल पैलेस में उनका भव्य स्वागत किया, जहाँ दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय व्यापार और रणनीतिक सहयोग पर अहम बैठक हुई।
आतंकवाद पर किया कड़ा प्रहार
इथियोपियाई संसद से पीएम मोदी ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एकजुटता का आह्वान किया। पीएम ने कहा कि जिस तरह इथियोपिया अपनी गहरी जड़ों के साथ भविष्य की ओर बढ़ रहा है, वैसे ही भारत भी 'सबका साथ-सबका विकास' के मंत्र के साथ वैश्विक प्रगति में योगदान दे रहा है।