Edited By rajesh kumar,Updated: 12 Nov, 2020 07:04 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) कैंपस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) कैंपस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान जेएनयू कैंपस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाइव होते ही 'जय श्री राम' और भारत माता की जय के नारे लगे। इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम ने स्वामी जी की शिक्षाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने मिशिगन युनिवर्सिटी में घोषणा की थी कि आने वाली सदी भारत की होगी। आज हम आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ रहे हैं। पीएम ने कहा कि देश के युवा दुनिया भर में हमारे ब्रांड एम्बेस्डर हैं।
पीएम मोदी ने कहा ये सिर्फ प्रतिमा नहीं है ये एक प्रतीक है कि एक सन्यासी ने पूरी दुनिया को संदेश दिया। स्वामी विवेकानंद ने भारत की संस्कृति को पूरी दुनिया के आगे रखा। यह प्रतिमा हमें राष्ट्र के प्रति अगाध समर्पण सिखाए, जो स्वामी जी के जीवन का सर्वोच्च संदेश है।
21वीं सदी भारत की
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस अनावरण कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने कहा देश का युवा दुनियाभर में Brand India का Brand Ambassador हैं। हमारे युवा भारत के Culture और Traditions का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपसे अपेक्षा सिर्फ हज़ारों वर्षों से चली आ रही भारत की पहचान पर गर्व करने भर की ही नहीं है, बल्कि 21वीं सदी में भारत की नई पहचान गढ़ने की भी है।
प्रतिमा हमें सशक्त-समृद्ध भारत के सपने को साकार करने की प्रेरणा देती रहे
मेरी कामना है कि JNU में लगी स्वामी जी की ये प्रतिमा, सभी को प्रेरित करे, ऊर्जा से भरे। ये प्रतिमा वो साहस दे, courage दे, जिसे स्वामी विवेकानंद प्रत्येक व्यक्ति में देखना चाहते थे। ये प्रतिमा वो करुणाभाव सिखाए, compassion सिखाए, जो स्वामी जी के दर्शन का मुख्य आधार है। ये प्रतिमा देश को youth-led development के Vision के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे, जो स्वामी जी की अपेक्षा रही है। ये प्रतिमा हमें स्वामी जी के सशक्त-समृद्ध भारत के सपने को साकार करने की प्रेरणा देती रहे।
देश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य से आगे बढ़ रहा
आज देश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य और संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। आज आत्मनिर्भर भारत का विचार 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के Collective Consciousness का, हमारी Aspirations का हिस्सा बन चुका है। आप से बेहतर ये कौन जानता है कि भारत में Reforms को लेकर क्या बातें होती थीं। क्या भारत में Good Reforms को Bad Politics नहीं माना जाता था? तो फिर Good Reforms, Good Politics कैसे हो गए? इसको लेकर आप JNU के साथी ज़रूर रिसर्च करें।
कवच का सबसे बड़ा आधार विश्वास
आज सिस्टम में जितने रिफॉर्म्स किए जा रहे हैं, उऩके पीछे भारत को हर प्रकार से बेहतर बनाने का संकल्प है। आज हो रहे Reforms के साथ नीयत और निष्ठा पवित्र है। आज जो रिफॉर्म्स किए जा रहे हैं, उससे पहले एक सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है। विश्वास इस कवच का सबसे बड़ा आधार है। आप देश के इतिहास में देखिए, जब-जब देश के सामने कोई कठिन समय आया है, हर विचार हर विचारधारा के लोग राष्ट्रहित में एक साथ आए हैं। आज़ादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के नेतृत्व में हर विचारधारा के लोग एक साथ आए थे। उन्होंने देश के लिए एक साथ संघर्ष किया था।