Edited By Parveen Kumar,Updated: 25 Jul, 2025 10:53 PM

भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) लगभग फाइनल हो चुका है। इस समझौते के तहत भारत में स्कॉच व्हिस्की के आयात पर लगने वाला टैरिफ आधा होकर 75% रह जाएगा। हालांकि, इसके बावजूद ग्लेनलिवेट, ब्लैक लेबल, ग्लेनमोरंगी और चिवास रीगल जैसे मशहूर...
नेशनल डेस्क: भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) लगभग फाइनल हो चुका है। इस समझौते के तहत भारत में स्कॉच व्हिस्की के आयात पर लगने वाला टैरिफ आधा होकर 75% रह जाएगा। हालांकि, इसके बावजूद ग्लेनलिवेट, ब्लैक लेबल, ग्लेनमोरंगी और चिवास रीगल जैसे मशहूर ब्रांड्स की कीमतों में तुरंत कोई बड़ी गिरावट नहीं आएगी।
कब से लागू होगा नया नियम?
यह टैरिफ कटौती तभी लागू होगी जब ब्रिटेन की संसद इस समझौते को औपचारिक मंजूरी दे देगी। उम्मीद की जा रही है कि यह प्रक्रिया अगले साल तक पूरी हो सकती है। इसके बाद अगले 10 सालों में यह शुल्क धीरे-धीरे घटकर 40% तक आ जाएगा।
कितनी कम होंगी स्कॉच की कीमतें?
एक रिपोर्ट के अनुसार, कस्टम ड्यूटी स्कॉच के कुल रिटेल प्राइस का सिर्फ 15-20% हिस्सा होती है। बाकी कीमत में राज्य सरकारों का टैक्स, थोक व खुदरा विक्रेताओं का मार्जिन शामिल होता है।
इसी वजह से कीमतों में सिर्फ 8-10% की ही कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
शराब कंपनियों ने जताई खुशी
डियाजियो इंडिया और अन्य अंतरराष्ट्रीय शराब कंपनियों ने इस डील का स्वागत किया है। डियाजियो इंडिया के एमडी और सीईओ प्रवीण सोमेश्वर ने कहा, “हम भारत और ब्रिटेन की सरकारों की सराहना करते हैं। यह डील प्रीमियम स्कॉच की उपलब्धता को बेहतर बनाएगी और उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प देगी।” इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) के सीईओ संजीत पाधी ने कहा कि यह समझौता भारतीय बाजार को और संतुलित और पारदर्शी बनाएगा।
भारत से ब्रिटेन को एक्सपोर्ट पहले से टैक्स फ्री
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत से ब्रिटेन को शराब के निर्यात पर पहले से ही कोई टैक्स नहीं लगता है। ऐसे में यह डील भारत के लिए खास अहम मानी जा रही है।
क्या उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि आम ग्राहकों को भले ही कीमत में कुछ राहत मिले, लेकिन यह बहुत बड़ी नहीं होगी। शराब की कीमतों को तय करने में राज्य सरकारों के टैक्स और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की भूमिका ज्यादा होती है।