राहुल गांधी ने पिछले 9 महीने में इतनी बार तोड़ी सिक्योरिटी प्रोटोकॉल, CRPF को खरगे को लिखना पड़ा पत्र

Edited By Updated: 11 Sep, 2025 08:16 PM

rahul gandhi security breach crpf warns on z plus protocol violations

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की Z+ सुरक्षा को लेकर CRPF ने गंभीर चिंता जताई है। पत्र में कहा गया कि उन्होंने पिछले 9 महीनों में छह विदेश यात्राएं बिना पूर्व सूचना के कीं, जो सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। CRPF ने इसे सुरक्षा में जोखिम बताया। BJP ने...

नेशनल डेस्क : कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने गंभीर चिंता जताई है। CRPF के वीवीआईपी सुरक्षा प्रमुख सुनील जून ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को 10 सितंबर को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि राहुल गांधी अपनी Z+ (ASL) श्रेणी की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और बार-बार सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे हैं।

विदेश दौरों में बिना सूचना के यात्रा
CRPF के पत्र में कहा गया है कि राहुल गांधी ने पिछले 9 महीनों में छह विदेश दौरों के दौरान सुरक्षा एजेंसी को पूर्व सूचना दिए बिना यात्रा की, जो CRPF की 'येलो बुक' प्रोटोकॉल का स्पष्ट उल्लंघन है। इस प्रोटोकॉल के अनुसार, Z+ (ASL) सुरक्षा प्राप्त वीवीआईपी को विदेश यात्रा से कम से कम 15 दिन पहले अपनी सुरक्षा एजेंसी को सूचित करना अनिवार्य है। इन उल्लंघनों के कारण सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा।

CRPF ने राहुल गांधी के निम्नलिखित विदेश दौरों को प्रोटोकॉल उल्लंघन का हिस्सा बताया:

इटली: 30 दिसंबर 2024 से 9 जनवरी 2025 (नए साल के अवसर पर 10-11 दिन की यात्रा)

वियतनाम: 12 मार्च से 17 मार्च 2025

दुबई: 17 अप्रैल से 23 अप्रैल 2025

कतर (दोहा): 11 जून से 18 जून 2025

लंदन: 25 जून से 6 जुलाई 2025

मलेशिया: 4 सितंबर से 8 सितंबर 2025

पत्र में कहा गया है कि इन दौरों के दौरान राहुल गांधी ने सुरक्षा एजेंसी को सूचित नहीं किया, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को लागू करने में CRPF को "बड़ी दिक्कतों" का सामना करना पड़ा।

Z+ सुरक्षा और प्रोटोकॉल की अनदेखी
राहुल गांधी को Z+ (एडवांस्ड सिक्योरिटी लायजन - ASL) श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, जो देश के सबसे उच्च जोखिम वाले वीवीआईपी व्यक्तियों को दी जाती है। इस सुरक्षा में लगभग 55 सुरक्षाकर्मी, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कमांडो शामिल हैं, और 10-12 सशस्त्र CRPF कमांडो हर समय उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। ASL के तहत, CRPF उस स्थान का अग्रिम निरीक्षण करता है जहां वीवीआईपी को जाना है, जिसके लिए स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयों के साथ समन्वय जरूरी होता है।

CRPF ने अपने पत्र में चेतावनी दी है कि राहुल गांधी की ओर से बार-बार प्रोटोकॉल तोड़े जाने से VVIP सुरक्षा व्यवस्था की प्रभावशीलता कमजोर हो रही है और यह उनके लिए जोखिम पैदा कर सकता है।

BJP और कांग्रेस में तीखी तकरार
इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। BJP ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की ओर से सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी उनकी लापरवाही को दर्शाती है। वहीं, कांग्रेस ने जवाब में कहा है कि इस पत्र का "सार्वजनिक होना" और इसका समय संदिग्ध है, खासकर तब जब राहुल गांधी ने हाल ही में BJP पर "वोट चोरी" के आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक हमला करार दिया है।

CRPF की अपील: भविष्य में प्रोटोकॉल का पालन करें
CRPF ने अपने पत्र में राहुल गांधी और उनके स्टाफ से भविष्य में सुरक्षा दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपील की है। अधिकारियों ने इसे "नियमित संचार" करार देते हुए कहा कि ऐसी चेतावनियां पहले भी राहुल गांधी को दी जा चुकी हैं। 2022 में, CRPF ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने 2020 के बाद से 113 बार सुरक्षा दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया, जिसमें भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी कई उल्लंघन शामिल थे।

राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे या कांग्रेस पार्टी की ओर से इस पत्र पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह मामला सुरक्षा और राजनीति के बीच तनाव को और गहरा सकता है।

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