Edited By Rahul Singh,Updated: 09 Dec, 2025 01:32 PM

राजस्थान के बाड़मेर जिले में शिव विधानसभा क्षेत्र की झणकली-से-जुड़िया सड़क निर्माण विवादों में है। 15 साल बाद बनी यह सड़क महज़ एक दिन में ही जगह-जगह से टूटने लगी, जिसका वीडियो वायरल होने पर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। लोगों का आरोप है कि ठेकेदार...
Rajasthan News : राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा क्षेत्र में झणकली से जुड़िया गांव को जोड़ने वाली सड़क एक बार फिर विवादों में घिर गई है। करीब 15 साल के लंबे इंतजार के बाद इस मार्ग के निर्माण कार्य की शुरुआत हुई थी, जिससे लोगों को राहत की उम्मीद जगी थी। लेकिन निर्माण पूरा होने के महज़ एक दिन बाद ही सड़क जगह-जगह से टूटने लगी, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में सड़क की ऊपरी परत को हाथ से आसानी से उखड़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो सामने आते ही पूरे क्षेत्र में आक्रोश की लहर दौड़ गई है और लोग निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप: रेत पर सीधे डामर बिछाया
ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार ने बिना सॉलिड बेस लेयर तैयार किए सीधे रेत पर डामर बिछा दिया। न तो गुणवत्ता परीक्षण किया गया और न ही पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मौजूदगी में काम हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण के दौरान अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे ठेकेदार ने मनमर्जी से काम किया। ग्रामीणों का कहना है, "रात में सड़क बनाई गई, जिससे दिन में कोई देख न सके। अब पैसा डकार लिया, और सड़क गायब. अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे।
15 साल बाद मिली सड़क, दो दिन भी नहीं टिक पाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों से यह सड़क जर्जर हालत में थी और ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कत होती थी। अब जब सड़क बनाई गई, तो वाहनों की आवाजाही शुरू होते ही उसमें दरारें दिखने लगीं। ग्रामीणों ने पूछा है कि 15 साल की प्रतीक्षा के बाद बनी सड़क अगर एक-दो दिन भी नहीं टिक पाई तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? उन्होंने इसे सरकारी धन की खुली बर्बादी बताया है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
विधायक की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार
शिव विधानसभा क्षेत्र के विधायक रविंद्र सिंह भाटी को प्रदेश की राजनीति में प्रभावशाली नेता माना जाता है। हालांकि इस मामले में अब तक उनकी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह क्षेत्र का मुख्य मार्ग है और खराब गुणवत्ता के कारण उन्हें भारी निराशा का सामना करना पड़ा है।
जांच और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभाग से तत्काल जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि निर्माण में यदि सही सामग्री और तकनीकी मानकों का पालन किया जाता, तो सड़क इतनी जल्दी खराब नहीं होती। लोगों ने दोषी ठेकेदार पर कार्रवाई और सड़क को दोबारा गुणवत्ता मानकों के अनुसार बनाने की मांग की है।