पाकिस्तान पंजाब के पहले सिख मंत्री बने रमेश सिंह अरोड़ा, बादल परिवार से है खास कनैक्शन

Edited By Updated: 07 Mar, 2024 11:20 AM

ramesh singh arora first sikh minister in pakistan s punjab

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नई सरकार का गठन में बदलाव के बीच यहां की पंजाब सरकार में पहली बार नया कदम उठाया गया है।...

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नई सरकार का गठन में बदलाव के बीच यहां की पंजाब सरकार में पहली बार नया कदम उठाया गया है।  पाकिस्तान में पहली बार किसी सिख समुदाय के व्यक्ति को मंत्री बनाया गया है । सिखों को   पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय में गिना जाता है। नारोवाल से विधायक रमेश सिंह अरोड़ा ने बुधवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मंत्री पद की शपथ ली है। पंजाब की प्रांतीय असेंबली से 3 बार के सदस्य रह चुके हैं। रमेश सिंह अरोड़ा ने पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी और मुख्यमंत्री मरियम नवाफ शरीफ के नेतृत्व वाली हाल ही में निर्वाचित पाकिस्तान मुस्लिम (PML-N) लीग सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शपथ ली। यह कार्यक्रम लाहौर के गवर्नर हाउस में आयोजित किया गया था।

 

बता दें कि मरियम के चाचा शहबाज शरीफ ने हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। रमेश अरोड़ा ने राजनीति में आने को लेकर भी बताया। उन्होंने कहा कि वह PML-N के वरिष्ठ नेता अहसान इकबाल चौधरी के मार्गदर्शन की वजह से राजनीति में आए। चौधरी ने   कहा था कि पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा में एक सिख अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति की जरूरत है। अरोड़ा ने आगे बताया कि आखिरी बार दिसंबर 2014 में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के निमंत्रण पर NRI सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। अरोड़ा ने कहा कि उनके सुखबीर बादल और पंजाब के पूर्व स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल के साथ अच्छे संबंध हैं। उन्होंने उनको भारत में बुलाया और उन्हें व उनके परिवार को बहुत सम्मान दिया।

 

पंजाब के मंत्री रमेश अरोड़ा को अल्पसंख्यक मामलों का विभाग मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, खासकर पंजाब में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए उनके पास पहले से ही कई योजनाएं हैं। यहां सिख विवाह अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है जिसे वे पूरा करेंगे। अरोड़ा ने  कहा कि वह यह भी सुनिश्चित करेंगे कि पाकिस्तान के कॉलेज व स्कूलों में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 2 प्रतिशत कोटा लागू किया जाए।  रमेश अरोड़ा ने कहा कि विभाजन के बाद पहली बार एक सिख समुदाय के व्यक्ति को पंजाब प्रांत के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ सिखों की ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं और ईसाइयों सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई के लिए काम करूंगा। अरोड़ा को हाल ही में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रमुख के रूप में चुना गया था। उन्होंने कहा कि  वह एक नई अंतरधार्मिक सद्भाव नीति भी लाएंगे ताकि सिख, हिंदू, ईसाई और अन्य समेत सभी अल्पसंख्यक सुरक्षित महसूस करें।
 

जानें  कौन हैं रमेश सिंह अरोड़ा ?

  • अरोड़ा ने गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी, लाहौर से एंटरप्रन्योरशीप और SME मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
  • राजनीति में कदम रखने से पहले उन्होंने पाकिस्तान में विश्व बैंक के गरीबी निवारण कार्यक्रम के लिए काम किया है।
  • साल 2008 में उन्होंने मोजाज फाउंडेशन की स्थापना की थी। यह पाकिस्तान में वंचित लोगों के लिए काम करता है।
  • पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनावों में अरोड़ा को नरोवाल से एमपीए के रूप में फिर से चुना गया। इ
  • सी इलाके में गुरु नानक का विश्राम स्थल गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब भी मौजूद है।
  • अरोड़ा को पिछले साल करतारपुर कॉरिडोर के लिए राजदूत के रूप में भी नियुक्त किया गया था।
  • अरोड़ा के बड़े भाई गोबिंद सिंह करतारपुर गुरुद्वारे में मुख्य ग्रंथी के रूप में काम करते हैं।
  • साल 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हो रहा था तो उनके परिवार ने पाकिस्तान में रहने के ही विकल्प को चुना था।

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