Edited By Shubham Anand,Updated: 06 Aug, 2025 02:20 PM

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम जनता को राहत की खबर दी है। मौद्रिक नीति की तीसरी द्विमासिक समीक्षा में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
नेशनल डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम जनता को राहत की खबर दी है। मौद्रिक नीति की तीसरी द्विमासिक समीक्षा में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, मुद्रास्फीति (महंगाई) के मोर्चे पर भी राहत की उम्मीद जताई गई है। केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया है।
महंगाई दर 77 महीने के न्यूनतम स्तर पर
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर लगातार गिर रही है और जून में यह 77 महीने के निचले स्तर 2.1 प्रतिशत पर आ गई। महंगाई में यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से हुई है।
उन्होंने कहा कि 2025-26 के लिए CPI मुद्रास्फीति का औसत अनुमान 3.1 प्रतिशत है। तिमाही आधार पर इसमें यह अनुमान इस प्रकार है:
दूसरी तिमाही: 2.1%
तीसरी तिमाही: 3.1%
चौथी तिमाही: 4.4%
वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही: 4.9%
भारतीय अर्थव्यवस्था कर रही है मजबूती से प्रगति
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक अस्थिरताओं के बावजूद मजबूती से आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून, कम मुद्रास्फीति, क्षमता उपयोग में वृद्धि और अनुकूल वित्तीय परिस्थितियां घरेलू आर्थिक गतिविधियों को समर्थन दे रही हैं।
गवर्नर ने कहा कि सरकारी पूंजीगत व्यय, मौद्रिक, राजकोषीय और नियामकीय नीतियों के सहयोग से मांग में और तेजी आएगी। साथ ही, निर्माण और व्यापार क्षेत्र की प्रगति से सेवा क्षेत्र में भी रफ्तार बनी रहने की संभावना है।
GDP ग्रोथ के आंकड़े
गवर्नर ने कहा कि वास्तविक GDP वृद्धि दर 2025-26 में 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
पहली तिमाही: 6.5%
दूसरी तिमाही: 6.7%
तीसरी तिमाही: 6.6%
चौथी तिमाही: 6.3%
2026-27 की पहली तिमाही: 6.6%
उन्होंने कहा कि जोखिम दोनों ओर संतुलित हैं और वृद्धि दर हमारी उम्मीदों के अनुरूप है, हालांकि आकांक्षाओं से थोड़ी कम है।
शहरी खपत में सुधार, ग्रामीण उपभोग स्थिर
मई और जून में मिले-जुले संकेतों के बीच गवर्नर ने कहा कि शहरी उपभोग में सुधार देखा गया है, जबकि ग्रामीण उपभोग स्थिर बना हुआ है। हालांकि, विवेकाधीन खर्च (discretionary spending) की रफ्तार कुछ धीमी है। गवर्नर ने यह भी आगाह किया कि लंबे समय से जारी भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक अनिश्चितताएं, और वैश्विक वित्तीय बाजारों की अस्थिरता भारतीय वृद्धि परिदृश्य के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।