चर्च की जमीन पर मिले 100 साल पुराना हिंदू मंदिर के अवशेष, पादरी ने दी पूजा की इजाजत

Edited By Updated: 13 Feb, 2025 03:33 PM

ruins of a 100 year old hindu temple found on church land

केरल के पलाई शहर में एक चर्च की ज़मीन पर एक पुराने हिंदू मंदिर के अवशेष मिले हैं। यह अवशेष 100 साल पुरानी एक हिंदू पूजा स्थल के हैं, जो कभी इस इलाके में था। चर्च के अधिकारियों ने इस घटना के बाद दिखाए गए धार्मिक सद्भावना के चलते मंदिर के अवशेषों पर...

नेशनल डेस्क: केरल के पलाई शहर में एक चर्च की ज़मीन पर एक पुराने हिंदू मंदिर के अवशेष मिले हैं। यह अवशेष 100 साल पुरानी एक हिंदू पूजा स्थल के हैं, जो कभी इस इलाके में था। चर्च के अधिकारियों ने इस घटना के बाद दिखाए गए धार्मिक सद्भावना के चलते मंदिर के अवशेषों पर पूजा करने की इजाज़त दे दी है। यह कदम स्थानीय हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो इसके जरिए धार्मिक एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। यह अवशेष उस ज़मीन पर मिले, जहां पहले चर्च का कब्जा था। ज़मीन पर खेती से जुड़े काम के लिए जब खुदाई की जा रही थी, तो अचानक मंदिर के अवशेष सामने आ गए। इसमें एक शिवलिंग और अन्य धार्मिक प्रतीक शामिल थे। खुदाई के दौरान मिले इन अवशेषों ने यह साफ कर दिया कि यहां कभी कोई मंदिर हुआ करता था। यह ज़मीन पलाई के वेल्लप्पाडु इलाके में स्थित है, जो श्री वनदुर्गा भगवती मंदिर से महज़ एक किलोमीटर दूर है।

स्थानीय लोगों का उत्साह और दीपक जलाना

मंदिर के अवशेष मिलने के बाद, कुछ स्थानीय हिंदू लोग इस स्थान पर गए और वहां दीपक जलाए। यह एक सांकेतिक पूजा थी, जिसमें उन्होंने अपने पुरानी धार्मिक धरोहर को सम्मानित किया। जब चर्च के अधिकारियों को इस बात का पता चला, तो उन्होंने स्थानीय हिंदू समुदाय को पूजा करने की इजाज़त दे दी।

चर्च की सकारात्मक प्रतिक्रिया

पलाई के चर्च के पादरी, फादर जोसेफ कुट्टियानकल ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके समुदाय और हिंदू समुदाय के बीच बहुत अच्छे रिश्ते हैं। उन्होंने कहा, "हमारे लिए यह ज़रूरी है कि हम इस तरह की घटनाओं के जरिए एकता और धार्मिक सद्भावना को बढ़ावा दें। हिंदू समुदाय के धार्मिक अनुष्ठानों के लिए हम पूरी तरह से सहमत हैं।"

पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान

अब, श्री वनदुर्गा भगवती मंदिर के अधिकारी इस ज़मीन पर पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने की योजना बना रहे हैं। मंदिर कमिटी के सदस्य विनोद ने कहा कि वे इस अवसर पर भगवान की पूजा करने के लिए सभी जरूरी अनुष्ठान करेंगे। यह ज़मीन पहले एक ब्राह्मण परिवार के पास थी, और लगभग 100 साल पहले यहां एक हिंदू मंदिर था। समय के साथ, यह मंदिर नष्ट हो गया, और ज़मीन को कई बार बेचा और खरीदा गया। बाद में यह ज़मीन ईसाई समुदाय के पास गई और अब चर्च के कब्जे में है। स्थानीय लोग यह मानते हैं कि 200 साल पहले यहां एक मंदिर हुआ करता था, और यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल था।

स्थानीय हिंदू संघ का बयान

पलाई में हिंदू महा संघम के अध्यक्ष, एडवोकेट राजेश पल्लट ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह धार्मिक सद्भावना का अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा, "हमारे पूर्वजों ने यहां एक मंदिर होने की बात कही थी। अब इस मंदिर के अवशेषों को देख कर हमें बहुत खुशी हो रही है।"

धार्मिक सद्भावना का उदाहरण

चर्च और हिंदू समुदाय का यह सहयोग धार्मिक सद्भावना का बेहतरीन उदाहरण है। यह एक संदेश देता है कि अलग-अलग धर्मों के लोग आपस में सहयोग कर सकते हैं और एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान कर सकते हैं। इस कदम से यह भी साबित हुआ है कि समय के साथ, भले ही धार्मिक स्थलों का रूप बदल जाए, लेकिन धार्मिक एकता और भाईचारा बना रहता है।

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