शशि थरूर का बड़ा बयान- पहली वफ़ादारी देश को होनी चाहिए, पार्टी नहीं

Edited By Updated: 20 Jul, 2025 11:02 AM

shashi tharoor big statement first loyalty should be to the country

तिरुवनंतपुरम के सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने हाल ही में कोच्चि में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पार्टी के साथ अपनी असहमति और देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर खुलकर बात की। एक हाई स्कूल के छात्र द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में...

नेशनल डेस्क: तिरुवनंतपुरम के सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने हाल ही में कोच्चि में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पार्टी के साथ अपनी असहमति और देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर खुलकर बात की। एक हाई स्कूल के छात्र द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने साफ किया कि उनकी पहली वफ़ादारी पार्टी नहीं बल्कि देश की है। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है क्योंकि यह कांग्रेस के भीतर चल रही विवाद की गूंज है। कोच्चि में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक छात्र ने शशि थरूर से सवाल किया कि क्या वह अपनी पार्टी के साथ असहज महसूस करते हैं। इस सवाल ने थरूर को सोचने पर मजबूर कर दिया और उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया कि उनकी सबसे बड़ी निष्ठा देश के प्रति है। उन्होंने कहा कि राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है लेकिन देश की सुरक्षा और भलाई सर्वोपरि होनी चाहिए।

राजनीति और देश के बीच संतुलन

शशि थरूर ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने-अपने मतभेद हो सकते हैं। कोई ज्यादा पूंजीवाद का समर्थन करता है तो कोई समाजवाद का। कुछ लोग अधिक नियामक नियंत्रणों के पक्ष में होते हैं और कुछ इसके खिलाफ। लेकिन यह सब मतभेद होते हुए भी अंततः सभी दलों का उद्देश्य एक बेहतर, सुरक्षित और समृद्ध भारत बनाना होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि “राष्ट्र सर्वोपरि है” और पार्टी सिर्फ राष्ट्र को बेहतर बनाने का एक माध्यम है।

पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव

शशि थरूर के बयान उस समय आए जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस के भीतर मतभेद स्पष्ट हो गए थे। थरूर ने इस ऑपरेशन और राष्ट्रीय सुरक्षा के मसलों पर केंद्र सरकार का समर्थन किया, जबकि कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने सरकार के रुख पर सवाल उठाए। इस पर पार्टी के भीतर तनाव बढ़ गया और थरूर की आलोचना होने लगी। बावजूद इसके थरूर ने अपना रुख मजबूत रखा।

देश के लिए पार्टी मतभेद पीछे

थरूर ने कहा कि जब देश संकट में हो तो राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करना चाहिए। उनकी यह बात सिर्फ कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि सभी राजनीतिक दलों के लिए थी। उन्होंने बताया कि भारत की संसद में 46 राजनीतिक दल हैं और कुछ मामलों पर सभी का एकजुट होना जरूरी है। उन्होंने कहा, “देश के हित में सभी दलों को साथ आना होगा ताकि सीमाएं सुरक्षित रहें और देश सुरक्षित बन सके।”

जवाहरलाल नेहरू का हवाला, राजनीति में भी देश पहले

शशि थरूर ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की एक प्रसिद्ध पंक्ति का उल्लेख किया, “अगर भारत मर गया तो कौन बचेगा।” उन्होंने कहा कि यह बात राजनीति में भी याद रखनी चाहिए। भारत पहले आएगा तभी सभी जीवित रह सकेंगे। इस बयान से उन्होंने यह संकेत दिया कि देश का हित सबसे ऊपर होना चाहिए न कि किसी पार्टी या व्यक्तिगत राजनीति का।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का विरोध

थरूर के इस बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कांग्रेस के लिए “देश पहले” है लेकिन कुछ लोग मोदी को पहले रखते हैं। यह टिप्पणी थरूर द्वारा प्रधानमंत्री की प्रशंसा के बाद आई थी, जिससे पार्टी के अंदर मतभेदों की झलक मिलती है।

 

In Kochi today, I was asking inevitable question by a high school student. While I have been steering clear of such political discussions in public, I felt a student deserved a response: pic.twitter.com/AIUpDBl0Kf

— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 19, 2025


शशि थरूर ने ट्वीट कर दी जवाबी प्रतिक्रिया

शशि थरूर ने एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा, “उड़ने की इजाज़त मत मांगो। पंख तुम्हारे हैं और आसमान किसी का नहीं।” इस संदेश से उन्होंने अपनी स्वतंत्र सोच और फैसले लेने की आज़ादी पर जोर दिया। उन्होंने अपने आलोचकों को संकेत दिया कि वे अपने विचारों पर अडिग हैं और देश के लिए सही समझते हैं।

 

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