बिहार : 1952 से अब तक 17 बार हुए लोकसभा चुनाव, महज 34 महिलाएं ही बनी हैं सांसद

Edited By Radhika,Updated: 29 Apr, 2024 11:07 AM

since 1952 only 34 women have become mps

महिला सशक्तीकरण की मिसाल से भरी माता जानकी की भूमि मिथिला में प्राचीन काल से अब तक आधी आबादी (महिलाएं) कला-संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान से लेकर राजनीति तक में सशक्त पहचान साबित करती आई है।

नेशनल डेस्क: महिला सशक्तीकरण की मिसाल से भरी माता जानकी की भूमि मिथिला में प्राचीन काल से अब तक आधी आबादी (महिलाएं) कला-संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान से लेकर राजनीति तक में सशक्त पहचान साबित करती आई है, लेकिन लोकतंत्र में बिहार की महिलाओं को वह हिस्सेदारी नहीं मिल सकी, जो संविधान ने उन्हें दी है। बिहार में अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए और महज 34 महिला ही सदन तक पहुचने में सफल रही है।

विधायिका में महिलाओं को 33% आरक्षण दिए जाने की पुरजोर वकालत करने वाले राजनीतिक दलों ने भी महिलाओं की इस बार कोई सुध नहीं ली और टिकट बंटवारे के समय चुप्पी साध ली। राजनीतिक दल आधी आबादी को  बराबरी का दर्जा देने की बात तो कहते हैं लेकिन टिकट देने के समय उन्हें तरजीह नहीं देते हैं। कई बार तो पार्टी निवर्तमान महिला सासंद या विधायक की टिकट काटकर पुरुष प्रत्याशियों को तरजीह देते हैं। 1952 के लोकसभा चुनाव में दो महिलाएं सांसद बनीं। 1957 में पांच महिलाएं सांसद चुनी गई।

4 महिलाएं चार-चार बार बनीं सांसद

बिहार में अब तक हुए लोकसभा चुनाव में चार महिला तारकेश्वरी देवी, रमा देवी, रीता वर्मा और कमला कुमारी सर्वाधिक चार-चार बार सांसद बनी। तारकेश्वरी सिन्हा को ग्लैमरस गर्ल ऑफ पार्लियामेंट कहा जाता था। वह 1958-64 तक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में पहली महिला उप वित्त मंत्री थीं। उन्हें ब्यूटी विथ ब्रेन कहा जाता था। पांच महिला विजया राजे, ललिता राजे, राम दुलारी देवी, कृष्णा साही और कांति सिंह तीन-तीन बार सांसद बनीं।

 

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