Edited By Yaspal,Updated: 24 Aug, 2021 08:52 PM
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मोदी सरकार पर देश की संपत्ति बेचने का आरोप लगाया, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उनपर पटलवार किया...
नेशनल डेस्कः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मोदी सरकार पर देश की संपत्ति बेचने का आरोप लगाया, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उनपर पटलवार किया। स्मृति ईरानी ने कहा, "2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के संदर्भ में एक आरएफपी तब घोषित हुआ जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। क्या राहुल गांधी का ये आरोप है कि जिस सरकार की मुखिया उनकी माता जी (सोनिया गांधी) थी, वे सरकार देश बेचने का दुस्साहस कर रही थी।"
स्मृति ईरानी ने कहा, "पारदर्शिता के साथ जिस सरकार ने राष्ट्र की तिजोरी को भरने का काम किया और कांग्रेस के लुटेरों से सुरक्षित किया उस सरकार पर छींटाकशी करने का राहुल गांधी का प्रयास है। उन्होंने कहा, "कल वित्त मंत्री द्वारा जो घोषणा हुई, उसमें स्पष्ट कहा गया कि सरकार अपनी ऑनरशिप रिटेन करेगी और मॉनिटराइजेशन की प्रक्रिया में सरकार की ऑनरशिप को मेंटेन करने के साथ-साथ यह भी चिन्हित किया गया कि सभी राज्य अपने नोडल ऑफिसर इस प्रक्रिया के लिए घोषित करेंगे।"
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि '70 साल में कुछ नहीं हुआ' और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी उसे बेचने का फैसला ले लिया है, मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस निजीकरण के खिलाफ है, हम सोच समझकर निजीकरण किया करते थे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार की मौद्रीकरण योजना पर कहा भाजपा कहती है कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ, लेकिन 70 साल में स्थापित परिसंपत्तियां अब बेची जा रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के माध्यम से अपने कुछ उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाना चाहती है। मोदी सरकार की निजीकरण की योजना महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एकाधिकार स्थापित करने पर केंद्रित और इससे नौकरियां खत्म हो जाएंगी।
राहुल गांधी ने कहा कि निजीकरण करें लेकिन देश का नुकसान नहीं। रेलवे कर्मचारी समझें रेल निजी हाथों में गई तो रोजगार का क्या होगा। 400 रेलवे स्टेशन, डेढ़ सौ ट्रेनें बेची जा रही हैं। रेलवे बिकेगी तो देश में रोजगार का क्या होगा। देश के युवाओं को रोजगार मिलना खत्म हो जाएगा। मोदी सरकार ने रोजगार छीना, देश की संपत्ति बेच रही है। हिंदुस्तान की पूंजी बेची जा रही है।