केरल में PFI की ‘बर्बरता' का शिकार हुए प्रोफेसर ने कहा, कभी-कभी मौन रहना बेहतर होता है

Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Sep, 2022 05:18 PM

sometimes it s better to be silent

करीब 12 साल पहले ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं की ‘‘बर्बरता'' का शिकार हुए प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ ने बुधवार को कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पर केंद्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।

नेशनल डेस्क: करीब 12 साल पहले ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं की ‘‘बर्बरता'' का शिकार हुए प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ ने बुधवार को कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पर केंद्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। जोसेफ ने कहा कि हमेशा बोलने के बजाय कभी-कभी मौन रहना बेहतर होता है।
 

गौरतलब है कि कथित ईशनिंदा के लिए करीब 12 साल पहले पीएफआई कार्यकर्ताओं ने जोसेफ का हाथ काट डाला था। पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने से जुड़े संवाददाताओं के सवालों पर प्रोफेसर ने कहा कि वह देश के एक नागरिक के रूप में केंद्र सरकार के कदम के बारे में स्पष्ट राय रखते हैं।

हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता क्योंकि वह इस मामले में ‘‘पीड़ित'' हैं। जोसेफ ने कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध एक राजनीतिक निर्णय और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है और इस घटनाक्रम पर राजनेताओं, संगठनात्मक प्रतिनिधियों और ऐसे अन्य तटस्थ लोगों को प्रतिक्रिया देनी चाहिए। 

 

 

 

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