कभी किसी पुरुष के साथ संबंध बनाए या कंडोम इस्तेमाल किया... बाथरूम के पास हिडन कैमरे से लड़कियों की लाइव फीड देखता था 'चैतन्यानंद'

Edited By Updated: 26 Sep, 2025 01:19 PM

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दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक एवं शैक्षणिक संस्थान में लंबे समय से चल रहा गुप्त शोषण का चौंकाने वाला मामला अब सबके सामने है। खुद को संत, शिक्षक और समाज सुधारक बताने वाला 60 वर्षीय चैतन्यानंद असल में एक भयावह गिरोह का सरगना...

नेशनल डेस्क: दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक एवं शैक्षणिक संस्थान में लंबे समय से चल रहा गुप्त शोषण का चौंकाने वाला मामला अब सबके सामने है। खुद को संत, शिक्षक और समाज सुधारक बताने वाला 60 वर्षीय चैतन्यानंद असल में एक भयावह गिरोह का सरगना निकला। अध्यात्म, शिक्षा और संस्कार की बातें करने वाला यह तथाकथित संत छात्राओं के लिए खौफ और अपमान का प्रतीक बन चुका था।

निगरानी के नाम पर जासूसी
संस्थान में लगे सुरक्षा कैमरे, जिनका उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा बताया गया था, असल में चैतन्यानंद का सबसे बड़ा हथियार बन गए। हॉस्टल, कॉमन एरिया और यहां तक कि बाथरूम के पास भी गुप्त कैमरे लगाए गए थे। वह इन कैमरों की लाइव फीड को व्यक्तिगत रूप से देखा करता था, जिससे छात्राओं की निजता का पूरी तरह हनन होता था।

शर्मनाक पूछताछ
कई पीड़िताओं ने बताया कि चैतन्यानंद उनके निजी जीवन से जुड़े बेहद अश्लील और आपत्तिजनक सवाल पूछता था- जैसे कि उन्होंने कभी किसी पुरुष के साथ संबंध बनाए हैं या नहीं, कंडोम इस्तेमाल किया है या नहीं। इन सवालों से उन्हें बार-बार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। संस्थान में छात्राओं को खुलेआम बेइज्जत करना आम बात थी। एक पीड़िता ने बताया कि सिर्फ इसलिए कि उसका एक ब्वायफ्रेंड था, उसे ‘चरित्रहीन’ कहकर सरेआम अपमानित किया गया। एक अन्य छात्रा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उसने एक लड़की को फटे कपड़ों में चैतन्यानंद के ऑफिस से भागते हुए देखा।

 रात के बुलावे और दबाव भरी ट्रिप्स
कई छात्राओं ने बयान दिया कि उन्हें अक्सर रात के समय अकेले चैतन्यानंद के कमरे में बुलाया जाता था। इसके साथ ही विदेश और देश में संस्थान की तरफ से आयोजित ट्रिप्स में जबरन भेजने का दबाव बनाया जाता था। वहां क्या होता था, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।

ब्लैकमेलिंग और डराने की रणनीति
यदि कोई लड़की विरोध करती या सवाल उठाती, तो उसे फेल करने, स्कॉलरशिप रोकने और संस्थान से निकालने की धमकी दी जाती थी। इसके पीछे एक संगठित गैंग काम कर रहा था, जिसमें तीन महिला कर्मचारी चैतन्यानंद का पूरा साथ दे रही थीं।

डिजिटल जासूसी का मकड़जाल
छात्राओं के मोबाइल फोन, ऑनलाइन एक्टिविटी और कैमरों के जरिए हर हरकत पर नजर रखी जाती थी। यह पूरा सिस्टम सुनियोजित तरीके से उनके मानसिक नियंत्रण के लिए बनाया गया था।

शान की ज़िंदगी, छुपा अपराधी
जांच में सामने आया कि चैतन्यानंद के पास करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लग्जरी कार थी। एक गाड़ी पर यूनाइटेड नेशंस (UN) का फर्जी नंबर प्लेट भी लगाया गया था ताकि संदेह न हो। पुलिस ने यह गाड़ियां जब्त कर ली हैं।

फर्जी किताबें और संस्थागत भ्रष्टाचार
चैतन्यानंद पर आरोप है कि उसने अपने नाम से नकली किताबें छपवाकर संस्थान के नाम पर एक फर्जी प्रिंटिंग प्रेस भी चलाया। निजी कंपनियों को संस्थान की जमीनें किराए पर दीं और बड़ी रकम का गबन किया। सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग मिटाने के लिए DVR से छेड़छाड़ के पुख्ता सबूत मिले हैं।

अभी भी फरार, लगातार भेष बदल रहा है
पुलिस का कहना है कि वह अगस्त 2025 से फरार है और अपनी पहचान छिपाने के लिए बार-बार भेष बदल रहा है। उसकी आखिरी लोकेशन मुंबई के आसपास की बताई जा रही है। गिरफ्तारी के लिए टीमें तैनात हैं।

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