Stock Market Crash: इस देश के पीएम का इस्तीफा, शेयर बाजार को झटका, बैंकों के शेयर लुढ़के, करंसी हुई कमजोर

Edited By Updated: 06 Oct, 2025 04:58 PM

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यूरोप के आर्थिक केंद्र माने जाने वाले फ्रांस में अचानक उपजे सियासी संकट ने सोमवार को वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी। प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने कार्यभार संभालने के कुछ ही हफ्तों बाद इस्तीफा दे दिया, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगाने लगा। इस...

नेशनल डेस्क: यूरोप के आर्थिक केंद्र माने जाने वाले फ्रांस में अचानक उपजे सियासी संकट ने सोमवार को वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी। प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने कार्यभार संभालने के कुछ ही हफ्तों बाद इस्तीफा दे दिया, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगाने लगा। इस राजनीतिक अस्थिरता ने न केवल फ्रांस के शेयर बाजार को झटका दिया, बल्कि इसका असर पूरे यूरोप पर महसूस किया गया।

CAC 40 में 2% की गिरावट, यूरो ने भी दिखाया कमजोर रुख
लेकोर्नू के पद छोड़ने के तुरंत बाद फ्रांस का प्रमुख शेयर सूचकांक CAC 40 करीब 2% लुढ़क गया, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को लेकर वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ गई। वहीं यूरो ने भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोरी दिखाई और 0.7% गिरकर $1.1658 पर पहुंच गया।

बैंकों पर सबसे ज्यादा असर, निवेशकों की चिंता बढ़ी
फ्रांस की सियासी उठापटक का सबसे गहरा असर बैंकिंग सेक्टर पर पड़ा। Societe Generale, BNP Paribas, और Credit Agricole जैसी दिग्गज फ्रेंच बैंकों के शेयरों में 5% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों को अब यह डर सताने लगा है कि सरकार की नीतिगत अस्थिरता भविष्य में वित्तीय प्रणाली पर और भी नकारात्मक असर डाल सकती है।

बॉन्ड यील्ड में उछाल, आर्थिक संकेतकों पर नजर
राजनीतिक अनिश्चितता के चलते फ्रांस की 10-वर्षीय सरकारी बॉन्ड यील्ड बढ़कर 3.59% तक पहुंच गई, जो पिछले दस दिनों का सबसे ऊंचा स्तर है। यह संकेत देता है कि निवेशक अब जोखिम लेने से कतरा रहे हैं और सुरक्षित विकल्पों की तलाश में हैं।

बजट पास नहीं, बायरू की सरकार पहले ही गिर चुकी
इस संकट की जड़ में है पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की सरकार का गिरना और बजट पारित करने में असफलता। लेकोर्नू की नियुक्ति इसी अस्थिरता को संभालने के लिए की गई थी, लेकिन उनका अचानक इस्तीफा यह दर्शाता है कि स्थिति और भी गंभीर है। अब फ्रांस में समयपूर्व चुनाव की संभावनाएं तेज हो गई हैं, जिससे बाजार में और अनिश्चितता घिर गई है।

ऑटो सेक्टर में मिली-जुली तस्वीर
राजनीतिक उठापटक का असर ऑटोमोबाइल कंपनियों पर भी दिखा। Aston Martin के शेयर 10% तक गिर गए, क्योंकि कंपनी ने संभावित टैरिफ प्रेशर का हवाला देते हुए प्रॉफिट चेतावनी जारी की। Renault के शेयर 1% टूटे, क्योंकि कंपनी 3,000 नौकरियों में कटौती की योजना बना रही है। हालांकि, Stellantis के शेयरों में 2.1% की बढ़त आई, क्योंकि कंपनी अमेरिका में 10 अरब डॉलर के निवेश की योजना बना रही है, जिससे ऑटो सेक्टर इंडेक्स में 0.4% की बढ़त दर्ज हुई।

स्वीडिश बैंक Avanza बना बाजार का चमकता सितारा
जहां एक ओर यूरोपीय बाजारों में गिरावट का दौर रहा, वहीं स्वीडन का Avanza Bank Holding एक अपवाद बनकर उभरा। बैंक के शेयरों में 5% की तेजी आई क्योंकि इस साल अब तक उसके साथ 1.32 लाख नए ग्राहक जुड़े हैं।

अमेरिकी बाजार सतर्क, नजरें यूरोपीय आंकड़ों पर
अमेरिकी बाजारों में फ्यूचर्स ट्रेड तो स्थिर रहे, लेकिन सरकारी शटडाउन की आशंका के चलते वहां भी निवेशक सतर्क दिखे। यूरोप में सोमवार को स्पेन का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन डेटा और यूके व यूरोज़ोन के कंस्ट्रक्शन PMI आंकड़े जारी होने थे, जिन पर अब बाजार की नजर टिकी है।

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