सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के लिए केंद्र सरकार और UPSC को जारी किया नोटिस

Edited By Yaspal,Updated: 24 Sep, 2020 10:01 PM

supreme court issues notice to central government and upsc for exam

सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में कोविड-19 महामारी और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर सिविल सेवा परीक्षा स्थगित करने के लिये दायर याचिका पर 28 सितंबर को सुनवाई की जायेगी। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ...

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में कोविड-19 महामारी और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर सिविल सेवा परीक्षा स्थगित करने के लिये दायर याचिका पर 28 सितंबर को सुनवाई की जायेगी। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद केन्द्र और यूपीएससी को नोटिस जारी किये बगैर ही इस मामले पर विचार करने के लिये सहमत हो गयी और उसने याचिकाकर्ता को संघ लोकसेवा आयोग के वकील और भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करने केन्द्रीय एजेन्सी के वकील को ईमेल और ऑनलाइन माध्यम से याचिका की प्रति देने की छूट भी प्रदान की।

इससे पहले, दिन में याचिकाकर्ता के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने मीडिया से कहा था कि प्रतिवादियों को नोटिस जारी करके उनके जवाब मांगे गये हैं। हालांकि, बाद में जब उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर आदेश अपलोड हुआ तो इसमें स्पष्ट हुआ कि न्यायाधीश कोई नोटिस जारी किये बगैर ही इस पर सुनवाई के लिये सहमत हो गये हैं। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘संघ लोकसेवा आयोग के वकील और भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रही केंद्रीय एजेन्सी के वकील को ई-मेल और ऑनलाइन माध्यम से याचिका की अग्रिम प्रति देने की स्वतंत्रता दी जाती है। मामले को 28 सितंबर को सूचीबद्ध किया जाये।''

याचिकाकर्ताओं ने सिविल सेवा परीक्षा परीक्षा को दो से तीन महीने के लिये स्थगित करने का अनुरोध किया है ताकि उस समय तक बाढ़ और लगातार बारिश की स्थिति में सुधार हो जायेगा और कोविड-19 संक्रमण भी कम हो जायेगा। यह याचिका वासीरेड्डी गोवर्धन साई प्रकाश और अन्य ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा परिवर्तित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा कराने का निर्णय याचिकाकर्ताओं और उनकी ही तरह के दूसरे व्यक्तियों को जनता की सेवा करने के लिये अपना पेशा चुनने के बारे में संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(जी) में प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन करता है। यह याचिका यूपीएससी की सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा चार अक्टूबर को आयोजित करने के खिलाफ 20 अभ्यर्थियों ने दायर की है।

याचिका के अनुसार सात घंटे की ऑफलाइन परीक्षा में देश के 72 शहरों में बने परीक्षा केन्द्रों में करीब छह लाख अभ्यर्थी हिस्सा लेंगे। याचिका के अनुसार सिविल सेवाओं में भर्ती के लिये आयोजित होने वाली यह परीक्षा शैक्षणिक परीक्षा से भिन्न है और अगर इसे कुछ समय के लिये स्थगित किया जाता है तो इससे किसी प्रकार के शैक्षणिक सत्र में विलंब होने जैसा सवाल नहीं उठता है। याचिका में कहा गया है कि अभ्यर्थियों के गृह नगर में परीक्षा केन्द्र नहीं होने की वजह से कई परीक्षार्थियों को रहने के लिये पीजी की सुविधा और सुरक्षित स्वास्थ्य से जुड़ी अनेक अकल्पनीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!