Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Nov, 2025 08:47 AM

दुबई एयर शो का मैदान उस समय सन्नाटे में डूब गया जब भारतीय वायुसेना का तेजस फाइटर जेट अचानक नियंत्रण खो बैठा और धरती पर गिरते ही आग का गोला बन गया। मंच पर मौजूद लोगों ने जो दृश्य देखा, वह कुछ सेकंड में इतिहास बन गया—लेकिन उसी क्षण, भारत के एक परिवार...
नेशनल डेस्क: दुबई एयर शो का मैदान उस समय सन्नाटे में डूब गया जब भारतीय वायुसेना का तेजस फाइटर जेट अचानक नियंत्रण खो बैठा और धरती पर गिरते ही आग का गोला बन गया। मंच पर मौजूद लोगों ने जो दृश्य देखा, वह कुछ सेकंड में इतिहास बन गया—लेकिन उसी क्षण, भारत के एक परिवार का पूरा जीवन हमेशा के लिए बदल गया। हादसे में विंग कमांडर नमन स्याल ने अपनी जान गंवा दी। नमन भारत की वायुसेना का वह चेहरा थे जो दुनिया के सामने तेजस की ताकत दिखाने पहुंचे थे।
दुबई एयर शो में तेजस का दुर्घटनाग्रस्त होना
दुबई के अल मकतूम एयरपोर्ट पर प्रदर्शन के दौरान भारतीय तेजस लड़ाकू विमान गिरकर नष्ट हो गया। घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर फैल रहा है। पायलट विंग कमांडर नमन स्याल इस हादसे में शहीद हो गए। यह तेजस कार्यक्रम से जुड़ी दो साल में दूसरी दुर्घटना है। इससे पहले 2024 में पोकरण में अभ्यास के दौरान इंजन फेल होने पर विमान धराशायी हुआ था। भारतीय वायुसेना ने इस हादसे की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश जारी कर दिए हैं।
वीर पायलट नमन स्याल—एक फौजी घराने की कहानी
नमन हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले से ताल्लुक रखते थे।
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उनके पिता जगन्नाथ स्याल सेना में अधिकारी रह चुके थे।
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रिटायरमेंट के बाद वे हिमाचल शिक्षा विभाग में स्कूल प्रिंसिपल रहे।
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नमन की पत्नी अफशां, खुद भारतीय वायुसेना में पायलट हैं।
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दंपती की 7 साल की बेटी है।
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हादसे के समय नमन के माता-पिता हैदराबाद में थे और पत्नी कोलकाता में ट्रेनिंग पर थीं।
नमन और अफशां की शादी 2014 में हुई थी—दोनों ही उड़ान के जुनूनी, दोनों ही यूनिफॉर्म में देश की सेवा करने वाले।
पिता को यूट्यूब पर मिली बेटे की शहादत की खबर
नमन के पिता बताते हैं कि हादसे से कुछ ही घंटे पहले उनकी बेटे से बातचीत हुई थी। नमन ने कहा था— “पापा, मेरी परफॉर्मेंस टीवी या यूट्यूब पर जरूर देखना।” शाम को जब वे एयर शो के वीडियो खोज रहे थे, तभी तेजस क्रैश की खबर सामने आई। उन्होंने तुरंत बहू को कॉल किया, लेकिन कुछ देर बाद छह वायुसेना अधिकारी जब घर पहुंचे- पिता को समझ आ गया कि उनका बहादुर बेटा अब लौटकर नहीं आएगा। मां सदमे में हैं और किसी तरह बोल भी नहीं पा रही हैं।
नमन का बचपन और सफर
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शुरुआती पढ़ाई डलहौजी और धर्मशाला के योल कैंट के आर्मी पब्लिक स्कूल में हुई।
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बाद में सैनिक स्कूल सुजानपुर तीरा में दाखिला लिया।
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NDA से उत्तीर्ण होने के बाद 2009 में वायुसेना में शामिल हुए।
पिता बताते हैं— “वह तेज दिमाग वाला, अनुशासनप्रिय और बड़े सपने देखने वाला बच्चा था… उसकी शहादत ने हमें अंदर से तोड़ दिया है।”
सरकारी प्रतिक्रिया- शोक और सम्मान
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पर लिखा कि नमन स्याल की वीरता हमेशा याद रखी जाएगी। उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए परिवार को सांत्वना दी और कहा—देश ने अपना साहसी योद्धा खो दिया है। कांगड़ा के डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि प्रशासन हर औपचारिकता में परिवार की मदद कर रहा है।