Edited By Radhika,Updated: 19 Aug, 2025 05:05 PM

भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। बिना ट्रैफिक नियमों की जानकारी और ड्राइविंग स्किल्स के बावजूद लोग एजेंटों को मोटी रकम देकर लाइसेंस हासिल कर लेते हैं। यही कारण है कि देश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
नेशनल डेस्क: भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। बिना ट्रैफिक नियमों की जानकारी और ड्राइविंग स्किल्स के बावजूद लोग एजेंटों को मोटी रकम देकर लाइसेंस हासिल कर लेते हैं। यही कारण है कि देश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
एजेंटों की भूमिका
RTO के बाहर सक्रिय एजेंट लाइसेंस बनवाने का काम आसान बना देते हैं। वे नियमों की परवाह किए बिना रिश्वत लेकर ड्राइविंग टेस्ट को "औपचारिकता" बना देते हैं।
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सड़क हादसों पर असर
ड्राइविंग लाइसेंस पाने की इस आसान प्रक्रिया का सीधा असर सड़क सुरक्षा पर पड़ रहा है। बिना ट्रेनिंग और अनुभव वाले लोग सड़कों पर वाहन चलाते हैं, जिससे एक्सीडेंट और जानमाल का नुकसान बढ़ता है।
विशेषज्ञों की राय
परिवहन विशेषज्ञ मानते हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की मौजूदा व्यवस्था में बड़े बदलाव की ज़रूरत है। तकनीक आधारित टेस्ट और सख्त नियम लागू करने से ही स्थिति सुधर सकती है।
सरकार के कदम
सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग और ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अभी भी भ्रष्टाचार और एजेंट संस्कृति खत्म नहीं हो पाई है।