Edited By Radhika,Updated: 15 Dec, 2025 04:41 PM

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार से जोड़ने के लिए जीविका योजना के तहत बांटी गई ₹10,000 की सहायता राशि अब राज्य सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई है। एनडीए की जीत के बाद विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि यह राशि चुनावी...
नेशनल डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार से जोड़ने के लिए जीविका योजना के तहत बांटी गई ₹10,000 की सहायता राशि अब राज्य सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई है। एनडीए की जीत के बाद विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि यह राशि चुनावी लाभ के लिए बांटी गई थी। मामला तब और गरमा गया जब दरभंगा जिले के जाले प्रखंड से जारी एक सरकारी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र के माध्यम से उन पुरुषों से पैसा वापस लेने की कोशिश की जा रही है, जिनके खातों में गलती से यह राशि ट्रांसफर हो गई थी।
RJD-कांग्रेस ने बोला सीधा हमला
RJD और कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। RJD के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने सीधा आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान NDA नेताओं की बेचैनी बढ़ गई थी, जिसके चलते ₹10,000 की राशि महिलाओं के साथ-साथ कई पुरुषों के खातों में भी भेज दी गई। उन्होंने कहा कि अब सरकार हार मान चुकी है और पत्राचार के जरिए रिश्वत में दिया गया पैसा वापस लेने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने भी राजद के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि महिला उद्यमियों के नाम पर चुनाव के बीचों-बीच राशि बांटना सरकार की नीयत को दिखाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मकसद पूरा होने के बाद अब सरकारी आदेश निकालकर और 'तकनीकी त्रुटि' का सहारा लेकर पुरुषों से पैसे वापस मांगे जा रहे हैं।
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बचाव में बोली JDU
विपक्ष के चौतरफा हमले के बाद JDU ने सरकार का बचाव किया। JDU के प्रदेश प्रवक्ता किशोर कुणाल ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की 1 करोड़ 56 लाख महिलाओं को ₹10,000 की सहायता राशि दी गई है, जिसका उद्देश्य उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
उन्होंने माना कि हाल के दिनों में तकनीकी खामियों के कारण कुछ Entries गलत पाई गईं, जिसके चलते पुरुषों के खातों में पैसा चला गया था। उन्होंने दावा किया कि ऐसे मामलों की संख्या महज 50 से 60 है, जबकि 1 करोड़ 56 लाख महिलाओं को यह सहायता राशि सही तरीके से मिली है। कुणाल ने विपक्ष के आरोपों को राजनीतिक बेरोजगारी और चुनावी हार से उपजा 'अनर्गल आरोप' बताया।
अब देखना यह होगा कि क्या सरकार द्वारा शुरू की गई इस वापसी प्रक्रिया पर विपक्ष के 'रिश्वतखोरी' के आरोप भारी पड़ते हैं या JDU का 'तकनीकी खामी' वाला दावा सही साबित होता है।